लखनऊ: राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि पर बुधवार को मुलायम सिंह ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने बीते दिनों को याद किया और कहा कि उन्हें देश आज भी याद कर रहा है। सपा सुप्रीमो ने कहा, मेरी उनसे आखिरी मुलाकात 23 अगस्त 1967 को हुई थी और 12 अक्तूबर को उनकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि लोहिया बड़े विचारक थे। मुलायम सिंह ने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि लोहिया के ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने सात दिन तक उनकी पट्टी नहीं खोली जिसकी वजह से मवाद पड़ गया जबकि रोज ड्रेसिंग होनी चाहिए थी। हालत बिगड़ने पर लोहिया को अहसास हो गया कि वह नहीं बचेंगे तो जब उन्हें होश आता तो वह मुझसे कहते कि आजकल के राजनीतिज्ञ और डॉक्टर नादान हैं। मुलायम सिंह ने कहा, आजकल कार्यकर्ता मेहनत तो करते हैं पर सिद्धांतों पर नहीं चलते। उन्होंने कहा कि आजकल के लड़के सिर्फ नारेबाजी करते हैं। हालांकि दो-चार लड़के अच्छे भी हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओंं को ज्यादा से ज्यादा पढ़ने की सलाह दी। मुलायम सिंह ने कार्यकर्ताओंं को समाजवादी साहित्य पढ़ने की सलाह दी। इस कार्यक्रम में मुलायम सिंह के साथ शिवपाल यादव भी मौजूद रहे। मुलायम सिंह के आने से पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी लोहिया ट्रस्ट और लोहिया पार्क पहुंचकर लोहिया की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। हालांकि अखिलेश ने मंच पर जाकर कुछ नहीं बोला और वह मुलायम सिंह के आने से पहले ही चले गए।
अखिलेश के जाने के बाद मुलायम सिंह पहुंचे और उन्होंने लोहिया को श्रद्धांजलि दी।