नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि जिस तरह बजट में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए बजट में अलग से प्रावधान किया जाता है, उसी तरह देश के पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए भी बजट का अलग से प्रावधान किया जाए। यादव आज (शुक्रवार) लोकसभा में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की अनुदान मांगों पर हुई चर्चा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मंडल आयोग की सिफारिशों के संविधान में समायोजन से निश्चित रूप से पिछडे़ वर्ग के लिए कानूनी प्रावधान हुए हैं, लेकिन उन कानूनी प्रावधानों के बावजूद उन्हें कैसे रोका जाए, यह षडयंत्र हुए हैं। उन्होंने कहा कि पिछडे़ वर्ग के लोगों को न्याय देने के लिए नीति बनाने हेतु हमारे पास जातीय आंकड़ेे उपलब्ध नही है। उन्होंने कहा कि 1931 की जनगणना के बाद लगातार समय समय पर मांग हुई और जब 2010 में पूरे सदन ने एक स्वर से जनगणना की मांग की थी।
उस समय कांग्रेस पार्टी की सरकार के षडयंत्र के कारण आज भी यह स्पष्ट नही है कि देश में पिछड़ों की कितनी तादाद है, यह सार्वजनिक नही हो पाया है। उन्होंने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मोदी सरकार के दो साल के कार्यकाल में पिछड़ों की दुर्दशा में कोई सुधार नही हुआ है और भविष्य में भी मोदी सरकार से कोई उम्मीद नही है। यादव ने जातिगत जनगणना को सार्वजनिक करने के मांग करते हुए कहा कि मंडल आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद क्रीमी लेयर की शर्त लगा दी गई, जबकि किसी अन्य के लिए किसी क्रीमी लेयर की बात नही की गई। उन्होंने कहा कि क्रीमी लेयर की सीमा 6 लाख रूपए की लगा रखी है। उन्होंने कहा कि क्रीमी लेयर की सीमा पिछडे़ वर्गाें के शोषण का एक माध्यम है, एक बैरियर है, इसलिए इसे पूरी तरह खत्म होना चाहिए। हांलाकि पिछड़ा वर्ग आयोग ने सीमा बढ़ाने की संस्तुति की है। उन्होंने नौकरी में पिछड़ों और दलितों को चार पांच साल की छूट मिलती है, लेकिन 55 साल के बाद वह प्रमोशन नही पा सकते, उनमें 99 फीसदी ओबीसी और दलित वर्ग के लोग हैं। इस कानून के द्वारा उनको प्रमोशन से रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि श्रम मंत्रालय देश के कर्मचारियों की गणना करता है। उस गणना में कर्मचारी की जाति का काॅलम बढ़ा दिया जाए ताकि अगल से जातिगत गणना की जरूरत नही पड़ेगी। उन्होंने कहा कि संसदीय समिति की रिर्पोट के मुताबिक 18 साल से पिछडे़ वर्ग के छात्रों के बजीफे की राशि नही बढ़ाई गई है। उन्होंने कहा कि क्लास पांच तक केवल 25 रूपये है और क्लास आठवीं तक 40 रूपये है। इस राशि से क्या हो सकता है। उन्होंने कहा कि समिति ने जो आईना दिखाया है, उस आईने में आप अपना चेहरा देखें और उसे सुधारने का प्रयास करें।