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वाराणसी: यहाँ की जेल में फैले भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ जेल के कैदियों ने जेल अधीक्षक को ही बंदी बना लिया, वो भी सात घंटे के लिए। सात घंटे बाद जब मांगे मान ली गईं तो जेल अधीक्षक को छोड़ा गया। इस हंगामे में पथराव भी हुआ जिसमें डिप्टी जेलर घायल हुए हैं। सुबह जब जेल के अधीक्षक और डिप्टी जेलर राउंड पर थे तब एक कैदी से जेल अधीक्षक के विवाद के बाद मैदान में मौजूद तकरीबन 300 कैदी भड़क गए और दोनों अफसरों को दौड़ा लिया। जब जेल प्रशासन ने सख्ती करनी चाही तो बंदियों ने पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। उनकी जेल के अफसरों से कई तरह की शिकायतें हैं। हंगामे में डिप्टी जेलर अजय राय बुरी तरह से ज़ख्मी हो गए और जेल अधीक्षक को कैदियों ने बंधक बना लिया। अधीक्षक को छोड़ने के लिए उन्होंने प्रशासन के सामने कई मांगें रख दीं। उनकी एक शिकायत जेल के अंदर पनप रहे करप्शन को लेकर भी थी। कैदियों को मनाने के लिए समाजवादी पार्टी के कुछ नेता और सामाजिक कार्यकर्ता भी जेल में गए। तकरीबन 7 घंटे की मशक्कत के बाद जेल अधीक्षक को छोड़ दिया गया लेकिन इससे पहले कैदियों ने जेल अधीक्षक और डिप्टी जेलर को हटाने का वादा ले लिया।

वाराणसी जेल में 800 कैदियों की जगह है लेकिन यहां 1860 कैदी हैं। आरोप है कि इन कैदियों को जेल में परेशान न करने के एवज़ में पैसा लिया है। जो लोग पैसा नहीं दे पाते हैं उनको तरह-तरह से परेशान किया जाता है।

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