नई दिल्ली: केरल में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएए) को लेकर रार बढ़ती जा रही है। एक तरफ जहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कोरोना टीकाकरण अभियान के पूरा होने के बाद देश में सीएए लागू करने की बात कही है। वहीं अब इसपर पलटवार करते हुए केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने राज्य में सीएए लागू करने से साफ मना कर दिया है।
विजयन ने शनिवार को कासरगोड में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के कार्यवाहक सचिव ए विजयराघवन के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा के उत्तरी क्षेत्र के उद्घाटन के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, 'कुछ लोगों ने सीएए के बारे में फिर से बात करना शुरू कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा है कि टीकाकरण अभियान समाप्त होने के बाद नागरिकता प्रदान करने को लेकर काम किया जाएगा। हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि केरल में सीएए लागू नहीं किया जाएगा।' उन्होंने कहा, 'केरल सरकार राज्य में इस तरह के तनाव का समर्थन नहीं करेगी। हम अपने रुख में दृढ़ हैं कि हम राज्य में सीएए को लागू नहीं करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा, केरल की सरकार केंद्र के इस फैसले का समर्थन नहीं करती है। हम केरल में सीएए लागू नहीं करेंगे। हम इस फैसले के साथ ना खड़े हैं ना ही इसे राज्य में लागू करेंगे। हम मजबूती से इस पक्ष के साथ खड़े हैं कि राज्य में सीएए लागू नहीं किया जाएगा।'
विजयन का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब एक दिन पहले ही अमित शाह ने कहा था कि कोरोना टीकाकारण कार्यक्रम के पूरा होने के बाद राज्य में सीएए लागू किया जाएगा। इससे पहले शाह ने पश्चिम बंगाल में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए वादा किया था कि वे सीएए के बारे में गलत जानकारी फैला रहे लोगों को कड़ा जवाब देंगे।
उन्होंने कहा था, 'जैसे ही टीकाकरण अभियान समाप्त होगा और हम कोरोना-मुक्त हो जाएंगे, नागरिकता प्रदान करने का कार्य किया जाएगा। यह संसद द्वारा गठित एक कानून है और वह (ममता) इसे रोक नहीं पाएंगी और उन्हें आगामी चुनावों में सत्ता से बाहर कर दिया जाएगा।'