तिरुवनंतपुरम: केरल में स्थानीय निकाय चुनावों के परिणाम बुधवार देर रात आ गए। इनमें राज्य में सत्तारूढ़ लेफ्ट की बड़ी जीत हुई है। 941 ग्राम पंचायतों में से 514 और 14 जिला पंचायतों में से 10 जिले लेफ्ट की झोली में गए। इसके अलावा 152 ब्लॉक पंचायतों में से 108 पर सीपीएम के नेतृत्व वाले एलडीएफ को जीत मिली।
सत्तारूढ़ एलडीएफ के बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ पार्टी दूसरे स्थान पर रही। इस पार्टी को 375 ग्राम पंचायतों, 44 ब्लॉक पंचायतों और चार जिला पंचायतों पर जीत मिली है। हालांकि एनडीए के हिस्से में जिला पंचायत की एक भी सीट नहीं आई , लेकिन भाजपा ने 23 ग्राम पंचायतों में जीत हासिल की है।
इस चुनाव में एलडीएफ को कोझीकोड, कोल्लम और तिरुवनंतपुरम में भारी बहुमत मिला है और कोच्चि में यह इकलौती सबसे बड़ी पार्टी बनकर आई है। यूडीएफ को कन्नूर में बहुमत और त्रिशूर में सबसे बड़ी पार्टी का दर्जा मिला है। नगरपालिकाओं में यूडीएफ ने बेहतर प्रदर्शन किया है।
इस चुनाव में 86 नगरपालिकाओं में से 45 में यूडीएफ को जीत मिली है। वहीं एलडीएफ को 35 तो एनडीए को मात्र दो सीटें ही मिली हैं। यह परिणाम निश्चित तौर पर यूडीएफ के लिए एक बड़ा झटका है क्योंकि पार्टी स्थानीय चुनाव में बड़ी जीत की उम्मीद कर रही थी। वहीं मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि ये लोगों की जीत है और केंद्र सरकार की एजेंसियों के लिए उचित जवाब है, जो राज्य को बर्बाद करने की कोशिश कर रही थीं।
भाजपा सांसद केजे एल्फोन्स ने कहा कि भाजपा ने केरल में ग्राम पंचायत, जिला पंचायत और नगरपालिकाओं में कुल 1,623 सीट जीती हैं। हम 23 ग्राम पंचायत जीते हैं। लगभग 50 ग्राम पंचायतों में हमारी संख्या अन्य दलों के बराबर है। हम वहां भी सत्ता में आ सकते हैं।