तिरुवनंतपुरम: केरल में कोरोना टीका निशुल्क उपलब्ध कराने संबंधी मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के बयान के खिलाफ विपक्षी गठबंधन यूडीएफ और भाजपा ने रविवार को राज्य चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है।
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री का बयान चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है क्योंकि चार उत्तरी जिलों में 14 दिसंबर को स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं। हालांकि, सत्तारूढ़ माकपा ने आरोपों को खारिज करते हुए इसे 'बचकाना' करार दिया है।
कांग्रेस नीत यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के संयोजक एमएम हसन ने संवाददाताओं से कहा कि गठबंधन ने राज्य चुनाव आयोग से संपर्क किया है क्योंकि चार जिलों में चुनाव होने जा रहे हैं और यह घोषणा आचार संहिता का उल्लंघन है। उन्होंने कहा, 'इस तरह की घोषणा करने की ऐसी कोई जल्दी नहीं थी।'
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी जोसेफ ने भी इस बाबत आयोग में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई है। भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि इस तरह की घोषणा कर मुख्यमंत्री मतदाताओं को लुभाने का प्रयास कर रहे हैं और यह साफ तौर पर आचार संहिता का उल्लंघन है।
इस बीच, माकपा के प्रदेश प्रभारी सचिव ए विजयराघवन ने त्रिशुर में संवाददाताओं से कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा राज्य में जारी कोविड-19 उपचार कार्यक्रम का एक हिस्सा थी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार को कहा था कि केरल के सभी लोगों के लिए कोविड-19 का टीका निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा।
भाजपा ने की चुनाव आयोग से शिकायत
केरल के भाजपा अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने कहा, 'केरल के मुख्यमंत्री का कहना है कि राज्य में कोरोना वैक्सीन मुफ्त होगी, यह आदर्श आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन है। भाजपा ने इस पर चुनाव आयोग को एक शिकायत दी है।'