नई दिल्ली: कोरोना लॉकडाउन के चलते विदेशों में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए भारत सरकार की तरफ से गुरुवार को शुरू किए गए 'वंदे भारत मिशन' के तहत पहले दिन 2 विशेष फ्लाइट्स संयुक्त अरब अमीरात से भारत पहुंची। इनमें से पहली फ्लाइट फ्लाइट 49 गर्भवती महिलाओं समेत 177 भारतीय कोच्चि पहुंची। यह पहली एयर इंडिया एक्सप्रेस फ्लाइट शाम 5.07 बजे (स्थानीय समयानुसार) अबू धाबी-कोच्चि फ्लाइट उड़ान भरी थी। उसके कुछ मिनट बाद दुबई-कोझिकोड फ्लाइट शाम 5.46 बजे (स्थानीय समयानुसार) वहां से भारतीयों को लेकर कोझीकोड पहुंची। वापस आए पहले बैच के 354 सवारियों में कोई भी कोविड-19 का संदिग्ध मरीज नहीं है।
सरकार ने सभी अंतरराष्ट्रीय विमानों के आने पर मार्च के आखिर में प्रतिबंध लगा दिया था, जिसके चलते कई नौकरी-पेशा वाले लोग और छात्र फंस गए थे। भारत सरकार ने सोमवार को घोषणा की थी कि वह विदेशों में फंसे भारतीयों को चरणबद्ध तरीके से 7 मई से स्वदेश लाएगी। दुबई में भारतीय वाणिज्य दूतावास में प्रेस, सूचना एवं संस्कृति दूत नीरज अग्रवाल ने गल्फ न्यूज से कहा कि दो लाख से अधिक आवेदकों के डेटाबेस में से प्रथम यात्रियों को चयनित करना एक बहुत मुश्किल कार्य है, जिसमें दूतावास के लिये कई चुनौतियां हैं।
यात्री गुरुवार की सुबह 9 बजकर 30 मिनट से ही अबूधाबी और दुबई हवाई अड्डे पर पहुंचने शुरू हो गए थे। कुछ यात्री अपने साथ भारत का राष्ट्रध्वज लेकर आए थे। इन आवेदकों में 6,500 गर्भवती महिलाएं भी शामिल थीं। वाणिज्य दूतावास ने यात्रियों से हवाईअड्डे पर भीड़ नहीं लगाने की अपील की है।
अग्रवाल ने कहा, ''हम यथासंभव योग्य लोगों को भेजने की कोशिश कर रहे हैं। हम लोगों से समझदारी दिखाने की उम्मीद करते हैं। हर किसी की तात्कालिकता का हल करना बहुत मुश्किल है।'' उन्होंने कहा, ''हम गर्भवती महिलाओं को प्राथमिकता देना चाहते हैं, लेकिन बड़ी संख्या में ऐसी महिलाओं को एक ही विमान में भेजना स्वास्थ्य और सुरक्षा के दृष्टिकोण से व्यावहारिक नहीं हैं।''
खबर के मुताबिक उन्होंने कहा, ''11 गर्भवती महिलाओं को दुबई-कोझीकोड उड़ान का टिकट दिया गया।'' भारतीय जुड़वा बच्चे जैक्सन और बेनसन एंड्रीयूज भी उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें दुबई में भारतीय महावाणिज्य दूत से स्वदेश लौटने का ई-मेल प्राप्त हुआ है।