तिरुवनंतपुरम: कांग्रेस सांसद शशि थरूर के खिलाफ शनिवार को त्रिवेंद्रम कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इसके बाद शशि थरूर ने रविवार को कहा कि वह एक वकील के जरिए गिरफ्तारी वारंट जारी होने की खबर के बारे में स्पष्टीकरण के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। शशि थरूर पर 1989 में लिखी किताब 'द ग्रेट इंडियन नॉवेल' में हिंदू महिलाओं को कथित रूप से बदनाम करने का आरोप है। उसी आरोप में उनकी गिरफ्तारी के लिए कोर्ट ने वारंट जारी किया है।
शिकायतकर्ता अधिवक्ता संध्या ने बताया कि सांसद थरूर जब मानहानि के मामले में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश नहीं हुए तो उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया। संध्या ने कहा, ‘मैंने अप्रैल में भारतीय दंड संहिता की धारा 499 के तहत मामला दायर किया था। अदालत ने उन्हें सम्मन जारी कर 21 दिसंबर को पेश होने के लिए कहा था। लेकिन वह पेश नहीं हुए।
थरूर ने अदालत में पेश नहीं होने पर दिया स्पष्टीकरण
थरूर ने रविवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा कि वह न्यायपालिका का काफी सम्मान करते हैं और उनका अदालत की अवमानना का कोई इरादा नहीं था। उन्होंने प्राप्त सम्मन की तस्वीर भी पोस्ट की जिसमें अदालत में उनके पेश होने की तिथि का उल्लेख नहीं था। थरूर ने कहा, कई लोगों ने भाजपा महिला मोर्चा की एक वकील द्वारा मेरी 30 वर्ष पुरानी पुस्तक ‘ग्रेट इंडियन नॉवेल’ में एक पंक्ति के बारे में दायर मामले के पर मीडिया में आयी खबरों को लेकर सवाल किए हैं।
उन्होंने ट्वीट किया, मैं न्यायपालिका का काफी सम्मान करता हूं और अदालत की अवमानना का मेरा कोई इरादा नहीं था। जैसा कि देखा जा सकता है कि मैंने सम्मन की प्रति संलग्न की है जिसमें कोई तिथि निर्दिष्ट नहीं है। उनके अधिवक्ता ने अदालत से संपर्क किया था और उन्हें बताया गया था कि यह अनजाने में हुई लिपिकीय त्रुटि है इस मामले में दूसरा नोटिस जारी किया जाएगा। हम अभी भी दूसरे नोटिस का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन हमने इसकी जगह गिरफ्तारी वारंट की खबर देखी।
उन्होंने कहा, हम स्पष्टीकरण के लिए सोमवार को माननीय अदालत से सम्पर्क करेंगे। थरूर के कार्यालय ने शनिवार को स्पष्ट किया कि उन्हें कोई गिरफ्तारी वारंट प्राप्त नहीं हुआ है और उन्हें उनकी पेशी के लिए जो नोटिस मिला था, उस पर कोई तिथि नहीं थी। उनके कार्यालय को वारंट के बारे में जानकारी मीडिया की खबरों से हुई।