नई दिल्ली: केरल के प्रसिद्ध मंदिर सबरीमाला मंदिर के द्वार खुले हुए तीन दिन हो गए हैं लेकिन भगवान अयप्पा के श्रद्धालुओं का विरोध अब भी जारी है। श्रद्धालु सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का विरोध कर रहे हैं जिसमें मंदिर में महिलाओं की एंट्री से बैन हटा दिया गया है। यानी अब मंदिर में हर उम्र की महिलाएं प्रवेश कर सकेंगे। लेकिन श्रद्धालु, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसल का विरोध कर रहे हैं। हैदराबाद की एक महिला पत्रकार समेत दो महिलाओं ने श्रद्धालुओं के कड़े विरोध के बीच शुक्रवार को भी सबरीमाला पहाड़ी की चढ़ाई की लेकन मंदिर के अंदर आज भी प्रवेश नहीं कर सकीं।
आईजी पुलिस श्रीजीत की अगुवाई में 150 पुलिसकर्मियों ने उन्हें सुरक्षा दी लेकिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ ने मंदिर के मुख्य कपाट पर उन्हें रोक दिया। यही नहीं, मुख्य पुजारी ने कहा कि अगर कोई भी महिला प्रवेश करती है तो वे मंदिर बंद कर देंगे। बता दें कि श्रद्धालु भगवान अयप्पा मंदिर में माहवारी आयु वर्ग की लड़कियों और महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे हैं। इससे एक दिन पहले विदेशी मीडिया संगठन के लिए काम करने वाली दिल्ली की पत्रकार मंदिर में दर्शन करने में विफल रही थी। आईजी एस श्रीजीत के नेतृत्व में पुलिस ने महिला को सुरक्षा मुहैया कराई है।
महिला ने सबरीमला सन्निधानम जाने के लिए सुरक्षा देने का अनुरोध किया था। भगवान अयप्पा मंदिर में माहवारी की उम्र वाली लड़कियों और महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे श्रद्धालुओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। महिला पत्रकार की उम्र लगभग 25 साल है जबकि दूसरी महिला के बारे में अभी जानकारी नहीं है। अगर वे सबरीमला पहाड़ी पर चढ़ जाती हैं तो वे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सबरीमला के भगवान अयप्पा मंदिर में जाने वाली माहवारी उम्र की पहली महिला होंगी।
सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर के अपने फैसले में मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश को अनुमति दे दी थी। बृहस्पतिवार को नयी दिल्ली की एक महिला पत्रकार को श्रद्धालुओं ने मंदिर जाने के बीच रास्ते में रोक दिया था। अपने विदेशी पुरुष सहकर्मी के साथ गई पत्रकार विरोध बढ़ने के मद्देनजर मराकोट्टम इलाके से वापस लौट गई थी। उन श्रद्धालुओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है जिन्होंने महिला पत्रकार को कथित तौर पर चढ़ाई से रोका और उसे नीचे उतरने के लिए मजबूर किया।