नई दिल्ली: निपाह वायरस (एनआईपी) से रविवार को एक और मरीज की मौत के बाद केरल में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 14 हो गई है। बता दें कि निपाह वायरस जानवरों से इंसानों में फैलता है, जबकि एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलने के भी सबूत मिले हैं। सबसे पहले यह वायरस मलेशिया के सुअर पालकों में पाया गया। फिर यह सिलीगुड़ी, पश्चिम बंगाल में 2001 में और दोबारा 2007 में पाया गया। अब यह वायरस केरल के चार जिलों कोझिकोड, मल्लपुरम, कन्नूर और वायनाड में पाया गया है।
क्या है निपाह
निपाह वायरस संक्रमित सुअरों, चमगादड़ों के लार, मूत्र या मल द्वारा संचारित होता है। यह एक मानव से दूसरे मानव में श्वास के जरिए फैल सकता है। निपाह वायरस के संपर्क में आने पर सांस लेने में दिक्कत, बुखार, बदन दर्द, कफ आदि की समस्या हो सकती है।
क्या हैं निपाह वायरस के लक्षण?
निपाह वायरस के लक्षण दिमागी बुखार की तरह ही हैं। बीमारी की शुरुआत सांस लेने में दिक्कत, चक्कर आना, तेज सिरदर्द और फिर बुखार से होती है है। इसके बाद बुखार दिमाग तक पहुंच जाता है, जिससे मरीज की मौत भी हो सकती है।
निपाह वायरस का इलाज क्या है?
हालांकि, अब तक इस भयानक निपाह वायरस का कोई वैक्सीन नहीं बन पाया है। बचाव ही इसका एकमात्र इलाज है। इससे संक्रमित रोगी की उचित देखभाल और डॉक्टरों की कड़ी निगरानी में रखा जाना चाहिए।
निपाह वायरस से कैसे बचें?
1. चमगादड़ों की लार या पेशाब के संपर्क में न आएं
2. खासकर पेड़ से गिरे फलों को खाने से बचें
3. संक्रमित इंसानों और पशुओं खासकर सुअरों के संपर्क में न आएं
4. निपाह वायरस के अधिक प्रभाव वाले इलाकों में जाने से बचें
5. इस्तेमाल में नहीं लाए जा रहे कुओं में पर जानें से बचें
6 केरल सहित उसके पड़ोसी राज्यों से आने वाले फल जैसे केला, आम व खजूर खाने से परहेज करें
7. फलों को पोटाश वाले पानी में धोकर खाएं
8. निपाह वायरस के लक्षण पाए जाने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं