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नई दिल्ली: चमगादड़ों के जरिये फैलने वाले निपाह वायरस ने भारत में दस्तक दी है। केरल में इस जानलेवा बीमारी से अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है। केंद्र सरकार ने संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए विशेषज्ञों का एक दल केरल भेजा है। निपाह वायरस के कारण सबसे पहले कोझिकोड जिले में एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हुई थी। इस परिवार का इलाज कर रही नर्स ने भी तेज बुखार के कारण दम तोड़ दिया। जिले के अस्पतालों में जांच कराने वालों की लंबी कतार लगी है। राज्य के विभिन्न अस्पतालों में 12 लोग भर्ती हैं।

डॉक्टरों के अनुसार, इस वायरस से प्रभावित लोगों को सांस लेने की दिक्कत होती है। बुखार, सिरदर्द भी शुरुआती लक्षण हैं। इसके इलाज के लिए न तो कोई दवा है और न ही इससे बचाव के लिए कोई टीका ईजाद किया गया है। समय रहते सही उपचार और लगातार निगरानी से ही जान बच सकती है।

डरे नहीं, उपचार के पुख्ता इंतजाम- स्वास्थ्य मंत्री

निपाह वारयस से हुई मौतों के बाद फैली अफरातफरी के बीच केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि डरने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से फैलता है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने सोमवार को बताया कि उन्होंने कहा कि उन लोगों की सूची बनाई गई है जो उन मरीजों के संपर्क में आए थे। एहतियाती उपाय के तौर पर उन्हें अलग कर दिया गया है।मंत्री ने कहा कि मेडिकल कॉलेज के आस-पास के अस्पतालों से विशेष वार्ड स्थापित करने को कहा गया है और अगर मरीजों में वायरस के लक्षण हों तो उन्हें मेडिकल कॉलेज भेजने का निर्देश दिया गया है।

मरीज के रिश्तेदारों को दूर रहने को कहा गया

निपाह वायरस का संक्रमण मरीज के संपर्क में आने से तेजी से फैलता है। इसलिए कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरों ने संक्रमित मरीज के परिजनों को अस्पताल आने से मना कर दिया है। मरीजों को विशेष वार्ड में रखा गया है जहां अस्पाताल के कर्मचारियों को भी बिना विशेष एहतियात बरते आने की मनाही है। संक्रमण से दम तोड़ने वाली नर्स लिनी की मां और उनके परिजनों को भी शव के पास जाने नहीं दिया गया। नर्स का अंतिम संस्कार भी स्वास्थ्यकर्मियों ने किया।

लोग गांव छोड़कर जा रहे 

कोझिकोड जिले के चंगारोठ में वायरस संक्रमण से मौत के बाद कम से कम 30 परिवार घर छोड़कर चले गए हैं। दो गांव भी खाली हो चुका है। यहां करीब 150 लोग खुद गांव से बाहर चले गए हैं। स्वास्थ कर्मचारी वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए चमगादड़ों को पकड़कर मारने में जुटे हैं। लोगों से अपील की गई है कि वे कम से दो सप्ताह तक उन इलाकों में अपने रिश्तेदारों के पास नहीं जाएं जहां संक्रमण फैला है। गांववालों ने बताया कि कुछ दिन पहले उन्होंने मरे हुए चमगादड़ देखे थे मगर इसपर ध्यान नहीं दिया था।

केंद्र ने भेजा विशेष दल

चमगादड़ से फैलने वाले निपाह वायरस के संक्रमण से मौत की पुष्टि के बाद केंद्र सरकार ने सोमवार को डॉक्टरों की टीम को केरल रवाना किया है ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि केरल के कोझिकोड जिले में निपाह वायरस के संक्रमण के कारण मौतें हुई हैं। चिकित्सकों के उच्च स्तरीय दल को जांच तथा बीमारी की रोकथाम के लिए वहां भेजा गया है। इनमें नेशनल सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल (एनसीडीसी) के निदेशक डॉ. सुजीत के सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक एस. के. जैन, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में आपातकालीन सेवाओं के निदेशक डॉ. पी. रवींद्र, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ़ नवीन गुप्ता और पशुपालन विभाग के दो अधिकारी शामिल हैं।

मंत्रालय ने कहा कि टीम केरल पहुंच चुकी है और बीमारी फैलने के कारणों की जांच की जा रही है। समझा जाता है कि इस इलाके में चमगादड़ के जरिये यह वायरस फैल रहा है। यह टीम राज्य सरकार के स्वास्थ्य एवं पशुपालन महकमे के साथ चर्चा कर जल्द बीमारी के फैलाव को नियंत्रित करने के उपाय सुनिश्चित करेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने केरल के स्वास्थ्य मंत्री से बात की है और केंद्र की तरफ से हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है।

वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव भी राज्य के स्वास्थ्य महकमे के संपर्क में हैं। मंत्रालय के अनुसार निपाह वायरस का हमला पहली बार केरल में सामने आया है इसलिए सबसे ज्यादा खतरा इसका अन्य स्थानों पर फैलने को लेकर है। इससे संक्रमण से एक्यूट रिस्परेटरी सिंड्रोस एवं इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारियां हो सकती हैं।

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