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रायपुर: बीजापुर-सुकमा सीमा पर जोनागुड़ा और अलीगुड़ा के पास नक्सलियों के साथ गोलीबारी में तीन जवान शहीद हो गए। वहीं, 14 जवान घायल हैं, जबकि चार जवानों की हालत गंभीर बताई जा रही है।। घायल जवानों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह वही जगह है, जहां 2021 में 23 जवानों की जान गई थी। जानकारी के अनुसार, नक्सलियों ने टेकुलगुडम कैंप पर मंगलवार सुबह अचानक से हमला कर दिया। इस घटना में कुल 17 जवान घायल हुए, जिसमें से तीन जवान शहीद हो गए। घायल जवानों को चोपर से जगदलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। चार जवानों की हालत गंभीर है, जिन्हें रायपुर रेफर किया गया है। 

घायल जवानों ने बताया कि सुकमा पुलिस ने टेकुलगुडम में सुरक्षाबल के जवानों आज ही नया कैंप खोला है। कैंप के पास जोनागुडा-अलीगुडा की ओर एसटीएफ और डीआरजी के जवान गस्त सर्चिंग पर निकले थे। इसी दौरान घात लगाए नक्सलियों ने जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी। जवानों ने मोर्चा संभाला और जवाबी कार्रवाई में नक्सली भाग खड़े हुए।

इस मुठभेड़ में 14 जवान घायल हो गए हैं, जबकि चार जवानों की हालत गंभीर बताई जा रही है। कोबरा बटालियन और डीआरजी के जवानों के साथ अब भी मुठभेड़ जारी है। बता दें कि वर्ष 2021 में टेकलगुड़ेम के जंगल में हुए पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में 23 जवान बलिदान हुए थे।

बता दें कि चिंतागुफा क्षेत्र में सक्रिय रहे दो महिलाओं सहित तीन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें से एक महिला पर एक लाख रुपये का इनाम था। शनिवार शाम को सीआरपीएफ 50वीं बटालियन के अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया।

सीआरपीएफ के द्वितीय कमान अधिकारी दुर्गाराम ने बताया कि पुलिस के पूना नर्कोम अभियान से प्रभावित होकर आरपीसी जनताना सरकार अध्यक्ष दूधी सुकड़ी (53), दूधी देवे (38) और माड़वी हड़मा (26) ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें से दूधी देवे पर एक लाख रुपये का इनाम था। तीनों को प्रोत्साहन राशि दी गई और शासन की पुनर्वास नीति योजना का लाभ दिया जाएगा। इस दौरान डिप्टी कमांडेट कफील अहमद, उत्तम प्रताप सिंह भी उपस्थित थे।

 

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