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रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के बीच सट्टेबाजी के लिए इस्तेमाल की जाने वाली महादेव एप का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इसी बीच केंद्र सरकार ने इस बेटिंग एप समेत 22 अवैध और एप्लीकेशन और वेबसाइट्स पर बैन लगा दिया है। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, 'सरकार को आखिरकार होश आ गया।'

सीएम बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, 'आख़िरकार केंद्र सरकार को होश आया और उसने 'महादेव ऐप' पर बैन लगाने का फ़ैसला किया। मैं कई महीनों से सवाल पूछ रहा हूं कि सट्टा खिलाने वाले इस ऐप का केंद्र सरकार बंद क्यों नहीं रही है। मैंने तो यहां तक कहा था कि शायद 28 प्रतिशत जीएसटी के लालच में प्रतिबंध नहीं लग रहा है या फिर भाजपा का ऐप संचालकों से लेन-देन हो गया है।''

वहीं, भूपेश बघेल ने आगे लिखा, आश्चर्य है कि ईडी महीनों से इस मामले की जांच कर रही है और फिर भी ऐप का संचालन लगातार होता रहा।

उन्होंने कहा, अब केंद्र सरकार को होश आ ही गया है तो अच्छा है कि इस एप के संचालकों को भी दुबई से यथाशीघ्र गिरफ़्तार कर भारत लाया जाए। छत्तीसगढ़ पुलिस ने ही सबसे पहले उनके ख़िलाफ़ लुक-आउट नोटिस जारी किया था। उन्हें छत्तीसगढ़ पुलिस भी रिमांड में लेकर पूछताछ करना चाहेगी क्योंकि यहां तो सबसे पहले उनके ख़िलाफ़ मामले दर्ज हुए हैं।

क्या है महादेव बेटिंग एप

जानकारी के लिए बता दें कि महादेव बेटिंग एप ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए बनाई गई एक एप्लीकेशन है, जिस पर यूजर्स कार्ड गेम्स, पोकर आदि गेम खेलते थे। इसी ऐप की मदद से लोग क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल आदि खेलों के अलावा चुनाव में भी सट्टेबाजी करते थे, जो कि पूरी तरह से अवैध है। सट्टेबाजी का जाल जब तेजी से फैलने लगा तो इसमें जांच शुरू हुई। जांच में पाया गया है कि सबसे ज्यादा खाते छत्तीसगढ़ में खुले हैं। इसके बाद ईडी ने इसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की भूमिका होने का भी दावा किया।

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