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रायपुर: अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में मंगलवार को छत्तीसगढ़ राज्य की औद्योगिक नीति 2019-24 में संशोधन के प्रारूप को मंजूरी दी गई। इसके तहत राज्य के औद्योगिक क्षेत्रों में 10 प्रतिशत भूखंड ओबीसी के लिए आरक्षित किए जाएंगे।

सरकार द्वारा जारी बयान में कहा गया है, “प्रस्तावित संशोधन के अनुसार ओबीसी वर्ग के लोगों के लिए औद्योगिक क्षेत्रों में 10 प्रतिशत भूखंड आरक्षित किए जाएंगे। ये आरक्षित भूखंड लाभार्थियों को भूमि प्रीमियम दर के 10 प्रतिशत की दर से और एक प्रतिशत भूमि किराए की दर पर प्रदान किए जाएंगे।”

राज्य में धान खरीद के लिए बड़ी मात्रा में जूट के बोरे की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए मंत्रिपरिषद ने राज्य की औद्योगिक नीति 2019-24 के तहत “जूट बैग निर्माण परियोजना” के लिए विशेष निवेश प्रोत्साहन पैकेज देने का निर्णय लिया। कैबिनेट ने प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कोडो, कुटकी और रागी (बाजरा) की खरीद के निर्णय को भी मंजूरी दी है।

मंत्रिपरिषद ने निर्णय लिया कि उक्त संभागों में जिला एवं संभाग स्तर पर ग्रेड III और ग्रेड IV पदों की रिक्तियों पर भर्ती के लिए केवल बस्तर और सरगुजा संभाग के स्थानीय निवासी ही पात्र होंगे और यह निर्णय 31 दिसंबर 2023 तक लागू रहेगा।

बयान में कहा गया है, “पेड़ काटने की अनुमति को आसान बनाने के नियमों को मंजूरी दी गई थी। यह राज्य के हरित आवरण को बढ़ाने के साथ-साथ आजीविका के स्रोत के रूप में वृक्षारोपण को बढ़ावा देने में मदद करेगा।”

 

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