चेन्नई: द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के नेता उदयनिधि स्टालिन ने रविवार को कहा कि उपमुख्यमंत्री कोई पद नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है। उन्होंने यह बात उनके पिता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन द्वारा उन्हें पदोन्नत करके डिप्टी सीएम बनाए जाने की घोषणा के कुछ घंटों बाद कही। तमिलनाडु के तीन विधायकों ने रविवार को दोपहर में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की टीम में कैबिनेट फेरबदल के तहत डीएमके सरकार में मंत्री पद की शपथ ली।
तमिलनाडु में तीन विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ
डीएमके नेता सेंथिल बालाजी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 15 महीने तक जेल में रहे थे। उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद मंत्री के रूप में बहाल कर दिया गया है। सेंथिल ने आज मंत्री पद की शपथ ली। इसके अलावा मंत्री पद की शपथ विधायक गोवी चेझियान, एसएम नासर और केएस मस्तान ने ली। मंत्रिमंडल में हुए फेरबदल में सेंथिल बालाजी फिर से बिजली और आबकारी मंत्री बनाए गए हैं। गोवी चेझियान तमिलनाडु के नए उच्च शिक्षा मंत्री बनाए गए हैं। नासर को अल्पसंख्यक विभाग मिला है और राजेंद्रन पर्यटन मंत्री बनाए गए हैं।
उदयनिधि स्टालिन (46) अब तक युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री थे। कैबिनेट में ताजा फेरबदल में उन्हें डिप्टी सीएम बनाए जाने के साथ योजना और विकास विभाग भी सौंप दिया गया है।
एक्स पर एक पोस्ट में उदयनिधि स्टालिन ने कहा, "यह समझते हुए कि 'उपमुख्यमंत्री' कोई पद नहीं बल्कि एक जिम्मेदारी है... हम तमिलनाडु के लोगों के उत्थान के लिए फादर पेरियार (पेरारिंजर अन्ना) और मुथामिझारिंजर कलैनार द्वारा प्रशस्त किए गए मार्ग पर माननीय मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में अपने साथी मंत्रियों के साथ मिलकर काम करेंगे।" सामाजिक कार्यकर्ता और तमिल आइकॉन पेरियार को "फादर पेरियार" कहा जाता है, जबकि "कलैनार" वरिष्ठ डीएमके नेता और उदयनिधि स्टालिन के दादा दिवंगत एम करुणानिधि को कहा जाता है।
नया पद मिलने की घोषणा के बाद उदयनिधि स्टालिन ने रविवार को चेन्नई में एम करुणानिधि के स्मारक का दौरा किया। उन्होंने पेरियार के स्मारक और चेन्नई में गोपालपुरम और सीआईटी कॉलोनी में अपने दादा के घरों का भी दौरा किया। एक तस्वीर में उनकी बुआ और वरिष्ठ डीएमके नेता के कनिमोझी उदयनिधि स्टालिन को बधाई देती हुई दिखाई दे रही हैं।
बीजेपी ने उदयनिधि की नियुक्ति पर डीएमके को निशाना बनाया
बीजेपी ने उदयनिधि स्टालिन को उप मुख्यमंत्री नियुक्त किए जाने पर डीएमके की आलोचना की है। बीजेपी ने कहा है कि, पार्टी का इतिहास वर्षों से लोगों के साथ विश्वासघात करने और जन कल्याण पर पारिवारिक हितों को प्राथमिकता देने का है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, "गठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद डीएमके ने अपने सहयोगियों को सत्ता में हिस्सेदारी से वंचित कर दिया और इसके बजाय उदयनिधि स्टालिन को उपमुख्यमंत्री नियुक्त किया।"
चेन्नई के लोयोला कॉलेज के पूर्व छात्र उदयनिधि स्टालिन ने राजनीति में कदम रखने से पहले कई फिल्मों में बतौर अभिनेता काम किया है। वे फिल्म निर्माता भी रहे हैं। उन्होंने डीएमके की छात्र शाखा का नेतृत्व किया है और 2021 के राज्य विधानसभा के चुनावों के दौरान प्रचार में पार्टी के प्रमुख चेहरों में से एक थे। चुनाव में पार्टी ने शानदार जीत हासिल की थी। उन्हें सन 2022 में एमके स्टालिन सरकार में मंत्री बनाया गया था।
सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से की थी
डीएमके नेता उदयनिधि पिछले साल देश भर में तब सुर्खियों में रहे थे जब उन्होंने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से की थी। उनकी इस टिप्पणी पर काफी विवाद हुआ था। उन्होंने जोर देकर कहा था कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय के विचार के खिलाफ है। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा था, "सनातन मलेरिया और डेंगू की तरह है, इसलिए इसका उन्मूलन किया जाना चाहिए, न कि इसका विरोध किया जाना चाहिए।"
बीजेपी ने दावा किया था कि यह टिप्पणी नरसंहार का आह्वान है। उसने कांग्रेस पर भी निशाना साधा था जिसका डीएमके के साथ गठबंधन है।
बीजेपी को जवाब देते हुए उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि उन्होंने कभी नरसंहार का आह्वान नहीं किया। उन्होंने कहा था कि "सनातन धर्म एक ऐसा सिद्धांत है जो लोगों को जाति और धर्म के नाम पर बांटता है। सनातन धर्म को उखाड़ फेंकना मानवता और मानवीय समानता को कायम रखना है। मैं अपने द्वारा कहे गए हर शब्द पर दृढ़ता से कायम हूं। मैंने सनातन धर्म के कारण पीड़ित और हाशिए पर पड़े लोगों की ओर से बात कही।"