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चेन्नई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कार्रवाई न होने से नाराज कांग्रेस पार्टी ने हाईकोर्ट का रुख किया है। बार एण्ड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, तमिलनाडु कांग्रेस समिति ने मद्रास हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है। याचिका में तमिलनाडु कांग्रेस द्वारा कोर्ट से चुनाव आयोग को प्रधानमंत्री के नफरती बयानों पर अब तक कोई कार्रवाई ना करने के मामले में दिशा निर्देश देने की मांग की गई है। यह याचिका तमिलनाडु कांग्रेस के अध्यक्ष के. सेल्वापेरुन्तागई द्वारा दायर की गई है।

याचिका में कहा गया है कि 21 अप्रैल के बाद से कई चुनावी रैलियों में प्रधानमंत्री द्वारा अवांछित टिप्पणियां की गईं। साथ ही यह भी कहा गया कि अनेक शिकायतों के बाद भी चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री पर सीधे तौर पर कोई कार्रवाई नहीं की। प्रधानमंत्री से सवाल करने की बजाय भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को एक कारण बताओ नोटिस जारी करके मामले को रफा-दफा कर दिया गया।

रिपोर्ट के मुताबिक, याचिका में नफरती भाषणों के लिए प्रधानमंत्री को “व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार” बताते हुए कहा गया है, इन भड़काऊ टिप्पणियों, अपमानजनक और विभाजनकारी भाषणों के लिए सिर्फ मोदी जिम्मेदार हैं।

याचिका में चुनाव आयोग के इस ढीलेपन से देश के नागरिकों में गलत संदेश जाएगा और देश के पूरे चुनाव प्रक्रिया की निष्ठा पर सवाल उठेगा।”

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 अप्रैल को राजस्थान के बांसवाड़ा में एक चुनावी सभा में मुसलमानों की तुलना “घुसपैठियों” से करते हुए उन्हें “ज्यादा बच्चे पैदा करने वाला” कहा था।

याचिका में यह कहा गया है, “प्रधानमंत्री इस भाषण से लोगों में डर फैलाकर देश में लोगों को आपस में लड़ाना चाहते हैं ताकि भाजपा को ज्यादा से ज्यादा वोट मिल सके।”

याचिका में प्रधानमंत्री और भाजपा नेताओं पर कांग्रेस के घोषणापत्र के बारे में झूठ फैलाने को लेकर भी सवाल उठाया गया है।

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