ताज़ा खबरें
संसद का बजटसत्र रहेगा हंगामेदार, महाकुंभ भगदड़ का मुद्दा भी गूंजेगा

नई दिल्ली: केंद्र ने पूरे नगालैंड राज्य के लिए ‘अशांत इलाके’ की अपनी अधिसूचना छह महीने के लिए बढ़ा दी है जिससे सशस्त्र बलों को राज्य में अफ्स्पा के तहत बिना वारंट के तलाशी, छापेमारी और गिरफ्तारी की मंजूरी जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा कि उसका मानना है कि पूरे नगालैंड में ‘‘अशांत एवं खतरनाक स्थिति है’’ जिसे देखते हुए असैन्य प्रशासन की मदद के लिए सशस्त्र बलों का इस्तेमाल जरूरी है। कल जारी की गयी अधिसूचना में कहा गया, ‘‘इसलिए अब सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम, 1958 की धारा तीन द्वारा दिए गए अधिकारों के अधीन केंद्र सरकार 30 जून, 2016 से प्रभाव के साथ पूरे राज्य को छह महीने के लिए ‘अशांत इलाका’ घोषित करती है।’’ घोषणा से तीन दिन पहले नेशनलिस्ट सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (एनएससीएन-आईएम) के प्रमुख इसहाक चिशी सू का यहां के एक अस्पताल में निधन हो गया था। उनके शरीर के अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। हालांकि अधिसूचना में पूरे नगालैंड को ‘अशांत इलाका’ घोषित करने के कारण नहीं बताए गए, अधिकारियों ने कहा कि यह अधिसूचना सालों पहले जारी किए गए एक आदेश को जारी रखते हुए आयी है और पूर्वोत्तर राज्य की स्थिति के आकलन पर आधारित है जो अब भी ‘गंभीर’ है।

उन्होंने कहा कि कुछ उग्रवादी संगठनों के इशारे पर नगालैंड के विभिन्न हिस्सों में हत्या, जबरन वसूली, गुटीय संघर्ष और दूसरी विध्वंसक गतिविधियां जारी हैं। अधिकारियों ने कहा कि एनएससीएन-आईएम केंद्र सरकार के साथ शांति वार्ता कर रहा है लेकिन एस एस खापलांग के नेतृत्व वाले समूह के एक दूसरे धड़े ने नगालैंड और मणिपुर दोनों राज्यों में सुरक्षा बलों पर हमले करना जारी रखा है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख