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नई दिल्ली: भाजपा के लिए असहज स्थिति पैदा करते हुए पार्टी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान ने आज (गुरूवार) आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्रियों स्मृति ईरानी और बंडारू दत्तात्रेय ने दलित छात्र के मुद्दे पर गंभीर संवेदनहीनता दिखाई जिसकी वजह से उसने आत्महत्या की। पासवान ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और इसके अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष रह चुके पासवान ने कहा कि सरकार कम से कम इतना तो कर सकती है कि हैदराबाद विश्वविद्यालय के कुलपति को बख्रास्त करे और मामले में सीबीआई जांच का आदेश दे। पासवान ने आरोप लगाया कि रोहित वेमुला गंभीर अपराध और गंभीर संवेदनहीनता का शिकार हुआ। उन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को लिखे पत्र में रोहित को ‘राष्ट्रविरोधी’ लिखने पर भी दत्तात्रेय पर निशाना साधा और कहा कि मामले से सही तरह से नहीं निपटने के लिए स्मृति भी जिम्मेदार हैं।

पार्टी के एक दलित नेता के बयान भाजपा के लिए ऐसे समय में असहज स्थिति पैदा करने वाले हैं जब विपक्ष उसे दलित-विरोधी कह रहा हो। पासवान ने कहा, ‘गंभीर अपराध किया गया। यह गंभीर संवेदनहीनता है। राज्य सरकार जिम्मेदार है और विश्वविद्यालय प्रशासन भी। बंडारू जी भी जिम्मेदार हैं। उन्होंने उसे (रोहित को) राष्ट्रविरोधी कहा था। ईरानी भी जिम्मेदार हैं क्योंकि वह सही तरह से मामले से नहीं निपटीं।’ उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री खुद बहुत संवेदनशील व्यक्ति हैं। उन्हें बयान देना चाहिए। मामला इतना गंभीर हो गया है कि सीबीआई जांच होनी चाहिए।’ पासवान अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में राज्यमंत्री थे और बाद में भाजपा के अनुसूचित मोर्चा के अध्यक्ष भी रहे।

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