हैदराबाद: हैदराबाद विश्वविद्यालय में दलित शोधार्थी रोहित वेमुला की कथित आत्महत्या के बाद हो रहे विरोध प्रदर्शनों में मंगलवार को तेजी आ गई है, वहीं इस पूरे प्रकरण को लेकर जिन लोगों पर आरोप लग रहे हैं उनमें से एक केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय के तत्काल इस्तीफे की मांग करते हुए एक स्थानीय संगठन ने उनके आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। वहीं हैदराबाद में छात्र संगठनों ने भी विरोध-प्रदर्शन तेज कर दिया है। इसके अलावा पुणे, मुंबई समेत कई जगहों पर भी प्रदर्शन किए गए। इस पूरे मामले को लेकर देश भर में सियासत तेज हो गई है। वहीं, कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज हैदराबाद विश्वविद्यालय का दौरा किया और इस मुद्दे पर छात्रों से बातचीत की। गांधी ने आरोप लगाया कि इस संस्थान ने निष्पक्ष तरीके से काम करने के बजाय छात्रों की अभिव्यक्ति की आजादी को ‘कुचलने’ के लिए अपनी शक्तियों का प्रयोग किया है।
उन्होंने छात्रों से कहा, ‘कुलपति और दिल्ली में मंत्री ने निष्पक्ष तरीके से काम नहीं किया। परिणाम क्या हुआ। परिणाम यह हुआ कि देश को सुधारने, सीखने और खुद को व्यक्त करने के लिए यहां आया छात्र इतने दर्द में था कि उसके पास आत्महत्या करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।’ उन्होंने कहा, ‘निश्चित रूप से उसने खुदकुशी की, लेकिन उसकी खुदकुशी के लिए परिस्थितियां कुलपति, मंत्री और संस्थान ने पैदा कीं।’ एक प्रदर्शनकारी छात्र ने उनके भाषण से पहले कहा कि वे इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं चाहते हैं। उन्होंने शोधार्थी की मौत के लिए कुलपति और मंत्री को ‘जिम्मेदार’ ठहराते हुए उन्हें ‘कड़ी से कड़ी सजा’ की मांग की। दूसरी ओर, दलित शोधार्थी की आत्महत्या के मामले में आक्रामक रुख अपनाते हुए कांग्रेस ने मंगलवार को मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय को बर्खास्त करने की मांग की। दलित शोधार्थी रोहित वेमुला की आत्महत्या के मामले में दत्तात्रेय के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पार्टी की प्रवक्ता कुमारी शैलजा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि ईरानी और दत्तात्रेय दोनों को इस्तीफा देना चाहिए या प्रधानमंत्री को उन्हें बख्रास्त कर उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मानव संसाधन मंत्री पूरे देश को ‘गुमराह’ कर रही हैं क्योंकि उन्होंने इस मुद्दे पर कई पत्र लिखे और दत्तात्रेय एबीवीपी को बढ़ावा देने के चक्कर में दलित छात्रों के खिलाफ थे। शैलजा ने कहा कि जो दिखाई दे रहा है, बात उससे कहीं ज्यादा है। प्रधानमंत्री को इस मामले पर बोलना चाहिए और मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय का दौरा करने के लिए दिल्ली से रवाना हो चुके हैं। वहां वह छात्रों से मुलाकात करेंगे। दलित शोधार्थी के कथित तौर पर आत्महत्या करने के बाद वहां सोमवार को भी व्यापक विरोध प्रदर्शन किया गया था। शैलजा ने कहा कि प्रधानमंत्री को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए। यह पहली बार नहीं है जब भाजपा के मंत्रियों ने दलितों के खिलाफ काम किया है। कई ने तो दलितों के बारे में बहुत कुछ कहा है। और अब, पूरी भाजपा, प्रधानमंत्री कटघरे में हैं। गौर हो कि दलित शोधार्थी रोहित वेमुला का शव विश्वविद्यालय के छात्रावास के एक कमरे में फांसी के फंदे से झूलता पाया गया था जिसके बाद वहां व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। पुलिस उपायुक्त (सेंट्रल जोन) वीबी कमलासन रेड्डी ने आज कहा कि केंद्रीय मंत्री के घर के पास धरना करने वाले 37 प्रदर्शनकारियों को ऐहतिहात के तौर पर हिरासत में ले लिया गया है। बाद में उन्हें जाने दिया गया। विश्वविद्यालय परिसर में, अपना विरोध प्रदर्शन तेज कर देने वाले छात्रों ने मांग उठाई कि रोहित को आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए नामजद दत्तात्रेय, भाजपा पार्षद रामचंद्र राव, विश्वविद्यालय के कुलपति पी अप्पा राव और एबीवीपी के दो नेताओं को जेल में डाला जाए। छात्रों ने ‘हमें इंसाफ चाहिए’ जैसे नारे लगाते हुए दत्तात्रेय और अन्य लोगों को रोहित की मौत का जिम्मेदार ठहराया और परिसर में रैली निकाली। प्रदर्शनकारियों ने कुलपति के इस्तीफे, विश्वविद्यालय से निलंबित चार छात्रों का निलंबन तत्काल निरस्त करने, रोहित के परिवार के एक सदस्य को रोजगार देने और 50 लाख रूपए की अनुग्रह राशि दिए जाने समेत कई मांगें रखीं। रोहित उन पांच शोधार्थियों में शामिल था, जिन्हें पिछले साल अगस्त में विश्वविद्यालय ने निलंबित कर दिया था। वह एक छात्र नेता पर हमले के मामले में आरोपी था। तृणमूल कांग्रेस का दो सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल कथित आत्महत्या के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए पार्टी के सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता डेरेक ओ ब्राइन के नेतृत्व में आज शाम हैदराबाद जा रहा है। इससे पहले, विश्वविद्यालय परिसर में संवाददाताओं से बात करते हुए कांग्रेस के सांसद वी हनुमंत राव ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय के कुलपति अप्पा राव छात्र की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार हैं। राव ने कुलपति के निलंबन की मांग की। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जिन छात्रों को पहले निलंबित किया गया था, उनका ‘सामाजिक बहिष्कार’ किया गया। इन छात्रों में कथित तौर पर आत्महत्या कर लेने वाला दलित शोधार्थी भी शामिल था। इसी बीच, छात्रों के एक समूह ने मृतक छात्र रोहित का एक स्मारक परिसर में स्थापित करने की कोशिश की। उधर, पुणे में भी हैदराबाद में दलित शोधार्थी की कथित आत्महत्या के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ ‘एकजुटता’ जताते हुए एफटीआईआई के छात्र आज संस्थान के द्वार के बाहर एक दिवसीय भूख हड़ताल पर बैठ गए। एफटीआईआई छात्र संघ के अध्यक्ष हरिशंकर नचिमुत्थु ने कहा कि हम रोहित वेमुला की मौत को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ हैं और फिल्म एवं टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के आठ छात्र एक दिन के लिए भूख हड़ताल पर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि भूख हड़ताल की शुरुआत आठ छात्रों के साथ हुई है और धीरे-धीरे अन्य छात्र भी इस प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं। वहीं, रोहित वेमुला की कथित आत्महत्या की घटना पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। इसके साथ ही केजरीवाल ने मांग की है कि मोदी को इस मामले के आरोपी केंद्रीय मंत्री को बर्खास्त करना चाहिए और देश से माफी भी मांगनी चाहिए। केजरीवाल ने एक ट्वीट में कहा कि दलितों के उत्थान के लिए काम करना मोदी सरकार का संवैधानिक कर्तव्य है। इसके बजाय मोदी जी के मंत्रियों ने पांच दलित छात्रों को बहिष्कृत और निलंबित कर दिया। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक आत्महत्या नहीं है, हत्या है। यह लोकतंत्र की हत्या है, यह सामाजिक न्याय और समानता की हत्या है। मोदी जी को मंत्रियों को बख्रास्त करना चाहिए और देश से माफी मांगनी चाहिए। केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय और हैदराबाद विश्वविद्यालय के कुलपति को छात्र की कथित आत्महत्या के मामले की प्राथमिकी में कल नामजद किया गया था।