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शिमला: आम आदमी पार्टी (आप) हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का समर्थन करेगी, लेकिन छह विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में अपने उम्मीदवार उतारेगी। ‘आप' के नेताओं ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। ‘आप' नेता अनुज नाथुराम चौहान ने हालांकि पत्रकारों से कहा, “अगर कांग्रेस मुकाबला करने में हिचकिचा रही है, तो हम सभी चार लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। इस बारे में पार्टी आलाकमान से बात की जाएगी।”

वह कांग्रेस की राज्य इकाई की अध्यक्ष और मंडी सीट से सांसद प्रतिभा सिंह की टिप्पणी का जिक्र कर रहे थे, जिन्होंने पहले तो चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था, लेकिन भाजपा के अभिनेत्री कंगना रनौत को उम्मीदवार बनाने के बाद नरम रुख अपनाते हुए कहा था कि वह पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशों का पालन करेंगी।

विधानसभा चुनाव में सिरमौर जिले की शलाई सीट से हार का सामना करने वाले चौहान ने कहा कि सभी दस (लोकसभा की चार और विधानसभा की छह) सीट पर चुनाव लड़ने के लिए पार्टी के पास जाने-पहचाने चेहरे हैं।

शिमला: भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने हिमाचल प्रदेश की छह विधानसभा सीटों पर लोकसभा चुनाव के साथ होने वाले उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों की घोषित कर दी है।

भाजपा ने कांग्रेस के सभी बागियों को टिकट दिए हैं। धर्मशाला विधानसभा सीट से सुधीर शर्मा, लाहौल-स्पीति से रवि ठाकुर, सुजानपुर से राजेंद्र राणा, बड़सर से इंद्रदत्त लखनपाल, गगरेट से चैतन्य शर्मा और कुटलैहड़ से देविंद्र कुमार भुट्टों को प्रत्याशी बनाया गया है।

गौरतलब है कि कांग्रेस के छह अयोग्य घोषित बागी और तीन निर्दलीय विधायकों ने बीते शनिवार को नई दिल्ली में भाजपा का दामन थामा था। इन्हें भाजपा में शामिल करते समय केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर विशेष रूप से उपस्थित रहे। हालांकि, अभी निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष की ओर से मंजूर नहीं किए गए हैं। ऐसे में इनकी सीटों पर उपचुनाव के शेड्यूल पर भी पर बाद में स्थिति स्पष्ट होगी।

शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष ने कांग्रेस के छह बागी विधायकों को अयोग्य करार दे दिया है। विधानसभा अध्यक्ष के इस फैसले के बाद से इन विधायकों की सदस्यता भी रद्द कर दी गई है। इन छह कांग्रेसी विधायकों के खिलाफ यह फैसला पार्टी द्वारा जारी किए गए व्हिप को ना मानने की वजह से लिया गया है। सूत्रों के अनुसार इन सभी विधायकों दल-बदल कानून के तहत अयोग्य घोषित किया गया है। जिन विधायकों को अयोग्य घोषित किया गया है उनमें सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा, देवेंद्र भुट्टो, इंद्र लखन पाल, रवि ठाकुर और चैतन्य शर्मा शामिल हैं।

राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग से बदला सियासी माहौल

बता दें कि कुछ दिन पहले ही राज्यसभा चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग के बाद से ही हिमाचल प्रदेश में सियासी गहमा गहमी तेज हुई है। कुछ दिन पहले हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने साफ किया था कि उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है। राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के 6 विधायकों और 3 निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी कैंडिडेट हर्ष महाजन के लिए क्रॉस वोटिंग की थी। इसके बाद हिमाचल सरकार खतरे में आ गई थी।

शिमला: हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में जारी विवाद खत्म होता दिख रहा है। कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है। मंगलवार को राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार की हार के बाद अटकलों का बाजार गर्म था। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार की सुबह मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकर गिर जाएगी। हालांकि पार्टी की तरफ से डैमेज कंट्रोल के प्रयास के बाद बुधवार की शाम विक्रमादित्य सिंह ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया।

सुखविंदर सिंह सुक्खू से नाराज पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपना इस्तीफा वापस लेने के बाद कहा कि चार राज्यों के पूर्व मुख्यमंत्री जोऑब्जर्वर लगाए गए थे। उनसे चर्चा के बाद मैंने इस्तीफे का निर्णय वापस लिया है और कहा कि सरकार को कोई खतरा नही है।

उन्होेंने कहा कि हमारे पास बहुमत है और मैं पार्टी का सिपाही हूं हाईकमान का जो भी आदेश होगा उसे मैं मानता हूं। विक्रमादित्य ने कहा कि संगठन सर्वोपरि है। कांग्रेस एकजुट है।

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