ताज़ा खबरें
दिल्ली:टूटा गर्मी का 14 साल पुराना रिकॉर्ड, लू का ऑरेंज अलर्ट जारी
स्वाति मालीवाल ने अपनी एक्स प्रोफाइल से हटाई केजरीवाल की फोटो

शिमला/नई दिल्‍ली: हिमाचल प्रदेश के मुख्‍यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने इस्‍तीफे की खबर को अफवाह बताया है। उन्‍होंने कहा, "मैंने इस्‍तीफा नहीं दिया है। मेरे इस्‍तीफे की खबरें अफवाह हैं। हमारी सरकार स्थिर है और पूरे पांच साल तक चलेगी। हिमाचल में कांग्रेस के खेमे में काफी राजनीतिक उथल-पुथल चल रही है। पूर्व मुख्‍यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे और हिमाचल सरकार में केंद्रीय मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने इस्तीफा दे दिया है। विक्रमादित्य सिंह ने आरोप लगाया है कि पार्टी में विधायकों की बात को सुना नहीं जाता है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने हिमाचल प्रदेश के घटनाक्रम पर कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पर्यवेक्षकों से सभी विधायकों से बात कर जल्द रिपोर्ट सौंपने को कहा है। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने हिमाचल प्रदेश सरकार पर आए संकट के बीच बुधवार को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को पार्टी विधायकों से बात करके समाधान निकालने के लिए शिमला भेजा है।

शिमला: हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। बुधवार को राज्य विधानसभा परिसर में आयोजित प्रेसवार्ता में उन्होंने इसका एलान किया। उन्होंने कहा कि जनता के प्रति मेरी जावाबदेही है। कहा कि एक साल के घटनाक्रम में विधायकों की अनदेखी हुई। आवाज दबाई गई। शिलान्यास मामले में मेरे विभाग के अफसरों को नोटिस दिए गए। वह वीरभद्र सिंह के कदमों पर चल रहे हैं। प्रियंका गांधी, खड़गे को दो दिन के घटनाक्रम की जानकारी दे दी है और अब हाईकमान को फैसला लेना है।

मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, 'हमने पार्टी का हमेशा साथ दिया है... मैं आज सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि वर्तमान समय में मेरा इस सरकार में बने रहना ठीक नहीं है। मैंने यह निर्णय लिया है कि मैं मंत्रीमंडल से इस्तीफा दे रहा हूं।' साथ ही कहा है कि मुझे दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि मुझे एक मंत्री के तौर पर अपमानित करने का काम किया गया है, जिस तरह के संदेश विभाग में भेजे जाते हैं, हमें कमजोर करने की कोशिश की गई। सरकार सभी के सामूहिक प्रयास से बनी थी...मैं किसी भी दबाव में नहीं आने वाला नहीं।

शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 15 विधायकों को निलंबित कर सदन को स्थगित किया। पहाड़ी राज्‍य में इस समय भारी राजनीतिक उथल-पुथल चल रही है। कांग्रेस सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में छह कांग्रेस विधायकों के भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में वोट करने के बाद ये पूरा घटनाक्रम शुरू हुआ।

हिमाचल प्रदेश विधानसभा स्‍पीकर ने 15 विधायकों को निष्‍कासित करते हुए कहा कि इनका ये कृत्‍य असंसदीय है, जिससे इस सदन व विधानसभा की गरिमा को ठेस पहुंची और सदन को इन हालात में चलाना संभव नहीं है। उन्‍होंने कहा, "मैं प्रस्‍ताव करता हूं कि निम्‍न सदस्‍यों को विधानसभा सदन से निष्‍कासित किया जाए, ताकि इस माननीय सदन की कार्यवाही को निष्‍पक्ष रूप से संचालन किया जा सके।

ये विधायक हुए निष्‍कासित- जयराम ठाकुर, विपिन सिंह, रणधीर शर्मा, लोकेंद्र, विनोद, हंस राज, जनक राज, बलवीर वर्मा, त्रिलोक जमवाल, सुरेंद्र शोरी, दीप राज, पूर्ण चंद, इंद्र सिंह गांधी, दलीप ठाकुर, रणवीर सिंह।

शिमला: हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा सीट पर आज चुनाव हुआ। इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन और कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को बराबरी के वोट मिले। क्रॉस वोटिंग की अटकलों के बीच यह वोट संख्या भाजपा के लिए काफी मायने रखती है। कांग्रेस और भाजपा दोनों को ही चुनाव में 34-34 मत पड़े बाद में पर्ची से चयन किया गया। कांग्रेस के उम्मीदवार सिंघवी ने हार मान ली है। इस चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी हर्ष महाजन को जीत मिली है।

मुख्यमंत्री दें इस्तीफा: जयराम ठाकुर

वहीं दूसरी ओर विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने कहा राज्यसभा में दोनों उम्मीदवारों को बराबर के ही वोट मिले हैं। मुख्यमंत्री को त्यागपत्र देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सही कह रहे हैं कि इस जीत को देखते हुए हिमाचल प्रदेश के सीएम को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए महज एक साल के भीतर ही विधायकों ने उनका साथ छोड़ दिया है। प्रदेश बीजेपी ने दावा किया है कि उनके उम्मीदवार हर्ष महाजन चुनाव जीत गये हैं।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख