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शिमला: हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में जारी विवाद खत्म होता दिख रहा है। कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है। मंगलवार को राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार की हार के बाद अटकलों का बाजार गर्म था। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार की सुबह मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकर गिर जाएगी। हालांकि पार्टी की तरफ से डैमेज कंट्रोल के प्रयास के बाद बुधवार की शाम विक्रमादित्य सिंह ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया।

सुखविंदर सिंह सुक्खू से नाराज पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपना इस्तीफा वापस लेने के बाद कहा कि चार राज्यों के पूर्व मुख्यमंत्री जोऑब्जर्वर लगाए गए थे। उनसे चर्चा के बाद मैंने इस्तीफे का निर्णय वापस लिया है और कहा कि सरकार को कोई खतरा नही है।

उन्होेंने कहा कि हमारे पास बहुमत है और मैं पार्टी का सिपाही हूं हाईकमान का जो भी आदेश होगा उसे मैं मानता हूं। विक्रमादित्य ने कहा कि संगठन सर्वोपरि है। कांग्रेस एकजुट है।

प्रदेश कांग्रेस में मची सियासी हलचल के बाद डैमेज कंट्रोल के लिए राजधानी शिमला पहुंचे कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने बुधवार को कांग्रेस के मंत्रियों, विधायकों और मुख्य संसदीय सचिवों से एक-एक कर बैठक कर उनकी नब्ज टटोली। शाम को बैठक खत्म होने के बाद लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है। बैठक में विक्रमादित्य सिंह को मना लिया गया है।

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पर्यवेक्षकों के साथ बैठक संपन्न होने के बाद कहा कि हमारी सरकार सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि बैठक में चुनाव से संबंधित चर्चा हुई।

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