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शिमला: हिमाचल प्रदेश के शिमला में शनिवार को एक पांच मंजिला इमारत ढह गई। इस घटना का 15 सेकेंड का एक वीडियो भी सामने आया है। हालांकि गनीमत रही कि इमारत के ढहने के बावजूद किसी को भी चोट नहीं पहुंची हैं। हादसे से पहले ही सभी लोगों को बाहर निकाल लिया गया था और इमारत का बिजली कनेक्शन काट दिया गया था।

यह घटना मराहवाग गांव में 16 माइल पर दोपहर करीब 12 बजे हुई। अधिकारियों ने बताया कि राजकुमार नामक व्यक्ति का घर धंस रहा था और इमारत के आधार स्तंभों में दरारें आ गई थीं।

इस घटना का वीडियो खूब शेयर किया जा रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि कुछ ही क्षणों में इमारत गिर जाती है, जिसके कारण धूल का गुबार छा जाता है। अधिकारियों ने जान-माल के किसी भी नुकसान को रोकने के लिए इमारत को पहले ही खाली करा लिया था।

शिमला: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने एक नाबालिग बलात्कार पीड़िता का ‘टू-फिंगर टेस्ट' करने के लिए पालमपुर सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों को फटकार लगाई और राज्य सरकार को दोषी चिकित्सकों से पांच लाख रुपये का जुर्माना वसूलने के बाद राशि नाबालिग को मुआवजे के तौर पर देने का निर्देश दिया है। अदालत ने माना कि बच्चों से बलात्कार के मामले में मेडिको-लीगल केस (एमएलसी) रिपोर्ट ‘‘अपमानजनक'' है।

समाज में घटने वाली हर वो घटना जिसमें चिकित्सा विज्ञान एवं कानून किसी ना किसी स्तर पर जुड़े हों उसे ‘मेडिको-लीगल केस' कहते हैं।

उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने सरकार से मामले में जवाबदेही तय करने के लिए ‘टू फिंगर टेस्ट' करने वाले चिकित्सकों के खिलाफ जांच करने को भी कहा।

अदालत ने पाया कि एमएलसी ‘‘नाबालिग बलात्कार पीड़िता की निजता पर आघात करने वाला'' है और ‘टू फिंगर टेस्ट' को पीड़िता के अधिकार का उल्लंघन है।

शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सरकार ने नियम-102 के तहत सरकारी संकल्प पेश किया। इस संकल्प में हिमाचल प्रदेश में आई आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग उठाई गई। तीन दिन तक हिमाचल प्रदेश विधानसभा में इस संकल्प पर चर्चा हुई। तीन दिन तक इस पर चर्चा के बाद हिमाचल प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को हिमाचल प्रदेश में आई आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए मांग उठाई। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के लिए 12 हजार करोड़ का विशेष आर्थिक पैकेज मांगा गया है। ध्वनिमत से प्रस्ताव पारित होने के बाद राज्य सरकार इस संकल्प को केंद्र सरकार को प्रेरित करेगी। सदन में विपक्षी दल भाजपा ने सरकार के इस संकल्प का समर्थन नहीं किया।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में इस साल ऐसी आपदा आई, जिसे बीते 50 सालों में नहीं देखा गया। हिमाचल प्रदेश में आई आपदा की वजह से भारी नुकसान हुआ और 441 लोगों की जान चली गई। इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए। अब भी कुछ लोग लापता हैं।

शिमला: हिमाचल प्रदेश में मॉनसून की बारिश ने खूब तबाही मचाई है। भारी बारिश और लैंडस्लाइड की घटनाओं से मरने वालों की संख्या गुरुवार को बढ़कर 74 हो गई। रेस्क्यू टीम ने शिमला में एक शिव मंदिर के मलबे से एक और शव निकाला, जबकि चंबा में दो और लोगों की मौत हो गई। शिमला में तीन बड़े लैंडस्लाइड की घटनाओं में 21 लोगों की मौत हो गई, जिसमें समर हिल के शिव मंदिर में हुई एक मौत भी शामिल है।

राज्य में 55 दिनों में लैंडस्लाइड की 113 घटनाएं हुई

मॉनसून शुरू होने के बाद से 55 दिनों में राज्य में 113 लैंडस्लाइड की घटनाएं हुई हैं, जिससे लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को 2,491 करोड़ रुपये और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को 1,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। हिमाचल प्रदेश में बाढ़ के चलते शिमला के समर हिल में रेलवे ट्रैक का एक हिस्सा बह गया है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हाल के भूस्खलन से क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे का पुनर्निर्माण एक "पहाड़ जैसी चुनौती" है।

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