लखनऊ: माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के मामले की न्यायिक जांच होगी। इस मामले की जांच बांदा के सीजेएम करेंगे। मुख्तार की मौत को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में मामले की न्यायिक जांच कराने का फैसला लिया गया है। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी की मौत के मामले की उच्च स्तरीय जांच की शुक्रवार को मांग की है।
उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अंसारी का नाम लिए बिना शुक्रवार को पुलिस और न्यायिक अभिरक्षा में होने वाली मौतों पर सवाल उठाते हुए उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जांच की मांग कर चुके हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को 'एक्स' पर कहा, ''हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या कैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।''
गैंगस्टर-नेता मुख्तार अंसारी की बृहस्पतिवार को बांदा में मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक बांदा जेल में मुख़्तार को हार्ट अटैक आया था। जिसके बाद उसे बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया था। आज परिवार की मौजूदगी में मुख़्तार के शव का पोस्टमॉर्टम हो रहा है। बेटे उमर ने अपने पिता की हत्या का आरोप लगाते हुए न्यायिक जांच की मांग की है।
मुख्तार अंसारी के शव को बांदा मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों के एक समूह द्वारा पोस्टमार्टम किये जाने के बाद गाजीपुर जिले के मोहम्दाबाद यूसुफपुर स्थित उसके पैतृक निवास ले जाया जाएगा। इस बीच गाजीपुर और मऊ समेत आसपास के जिलों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है।
पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि अंसारी के शव को काली बाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। जो अंसारी परिवार के आवास से करीब आधा किलोमीटर दूर स्थित है। सूत्रों ने बताया कि इसी कब्रिस्तान में मुख्तार के मां-पिता की कब्र हैं। उन्होंने बताया कि मुख्तार का शव देर शाम तक यहां लाये जाने की संभावना है।