ताज़ा खबरें
कानपुर में कोलकाता जैसा कांड:अस्पताल में बंधक बनाकर छात्रा से दुष्कर्म
केंद्र नहीं अब खुद यूपी सरकार तय करेगी डीजीपी, अखिलेश ने कसा तंज
दिल्ली-एनसीआर में सांसों का संकट, कई इलाकों में एक्यूआई 400 के पार
झारखंड में अवैध हड़पी गई ज़मीन आदिवासी बेटियों के ​नाम करेंगे: मोदी
मनोज जरांगे पाटील का एलान- महाराष्ट्र चुनाव नहीं उतारेंगे एक भी प्रत्याशी
उत्तराखंड: अल्मोड़ा में बस खाई में गिरी, 15 यात्रियों की मौत, कई घायल

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने एक बार फिर सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा 50 से कम छात्रों वाले बदहाल 27,764 परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने का फैसला उचित नहीं है। ऐसे में गरीब बच्चे आखिर कहां और कैसे पढ़ेंगे। राज्य सरकार को दूसरे स्कूलों में उनका विलय करने की बजाय उनमें जरूरी सुधार करके बेहतर बनाने के उपाय करने चाहिए।

बसपा सुप्रीमो ने रविवार को सोशल मीडिया पर जारी बयान में कहा कि यूपी व देश के अधिकतर राज्यों में खासकर प्राइमरी व सेकंडरी शिक्षा का बुरा हाल है। इसकी वजह से गरीब परिवारों के करोड़ों बच्चे अच्छी शिक्षा से दूर होने के साथ सही शिक्षा से भी वंचित हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि ओडिसा सरकार द्वारा कम छात्रों वाले स्कूलों को बंद करने का फैसला भी अनुचित है। सरकारों की इसी गरीब व जनविरोधी नीतियों का परिणाम है कि लोग प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने को मजबूर हो रहे हैं।

जैसा कि सर्वे से स्पष्ट है, लेकिन सरकार द्वारा शिक्षा पर समुचित धन व ध्यान देकर इनमें जरूरी सुधार करने की बजाय इनका बंद करना ठीक नहीं है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख