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लखनऊ: हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से सेबी पर लगाए गए आरोपों के मामले पर सियासत गरमा गई है। इस मामले को लेकर राजनेताओं ने सेबी प्रमुख को भी सवालों को कटहरे में खड़ा किया गया है। इसी बीच अब समाजवादी पार्टी के मुखिया और सांसद अखिलेश यादव की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। सपा सांसद अखिलेश यादव ने सेबी की जांच की मांग की है।

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा-"सेबी की ऐतिहासिक जांच होनी चाहिए क्योंकि सेबी का इतिहास ही ऐसा रहा है कि वो कभी सही मायनों में निवेशकों का सरंक्षक व सहारा नहीं बना। भारत के बाजार में निवेश के प्रति सुरक्षा की भावना जगाने के लिए सेबी की प्रतिष्ठा की पुनर्स्थापना केवल एक निष्पक्ष जाँच ही कर सकती है। सेबी प्रकरण की गहन-जांच भारत की अर्थव्यवस्था की अपरिहार्यता है।"

शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट ने भारत में एक बार फिर खलबली मचा दी है। हिंडनबर्ग रिपोर्ट में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के प्रमुख के खिलाफ कई आरोप लगाए गए हैं।

हिंडनबर्ग ने शनिवार को आरोप लगाते हुए कहा कि सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की उन उन ऑफशोर कंपनियों में हिस्सेदारी रही है, जो अडानी समूह की वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ी हुई थीं।

कांग्रेस ने भी की जांच की मांग

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद सेबी चेयरपर्सन और उनके पति धवल बुच ने एक बयान जारी कर इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया है, तो वहीं अडानी समूह ने इस आरोपों को गलत बताया है। इस बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव केंद्र से सेबी की जांच की मांग की है। तो वहीं कांग्रेस ने भी केंद्र से अडानी समूह की नियामकीय जांच में हितों के सभी टकरावों को खत्म करने के लिए तुरंत कार्रवाई करने की मांग की है। कांग्रेस और सपा ने देश के शीर्ष अधिकारियों की कथित मिलीभगत का पता लगाने और ‘घोटाले’ की पूरी जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति गठित करने की भी मांग की है।

 

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