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लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की वार्षिक स्थानान्तरण नीति 2016-17 को आज (बुधवार) मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में यह फैसला किया गया। स्थनान्तरण सत्र 2016-17 के लिए मंजूर नीति के अनुसार जिले में छह साल और मंडल में दस साल पूरा करने वाले समूह-क और समूह-ख के अधिकारियों के स्थानांतरण के प्रावधान किये गये हैं। बैठक के बाद सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि समूह-ख के अधिकारियों के स्थानांतरण विभागाध्यक्षों द्वारा किये जाएंगे। स्थानान्तरण नीति के प्रावधानों के तहत आने वाले प्रकरणों में दस प्रतिशत की सीमा तक स्थानांतरण किये जा सकेंगे। प्रवक्ता ने बताया कि दिव्यांगों को स्थानान्तरण नीति से मुक्त रखा गया है। स्थानान्तरण हेतु अवधि के निर्धारण के लिये ‘कट ऑफ डेट’ 31 मार्च 2016 रखी गयी है। 2016-17 में समस्त स्थानान्तरण 30 जून 2016 तक पूरा करने के प्रावधान किये गये हैं। विभागीय आवश्यकता को देखते हुये स्थानान्तरण नीति में विभागीय मंत्री के जरिए मुख्यमंत्री की मंजूरी हासिल कर इसे बदला जा सकता है।

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश सचिवालय की तरह राजस्व परिषद कार्यालय में कार्यरत समीक्षा अधिकारियों को राजपत्रित दर्जा देने का फैसला किया गया है। राजस्व परिषद में समीक्षा अधिकारी के 117 स्थायी पद और 17 अस्थायी पद स्वीकृत हैं। राज्य मंत्रिपरिषद ने सैफई, इटावा में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण के लिए 346.57 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं। आगरा से इटावा लायन सफारी तक साइकिल हाईवे परियोजना को भी मंजूरी राज्य मंत्रिपरिषद ने दी। इसकी लंबाई 197.58 किलोमीटर होगी। एक अन्य फैसले में बरेली में क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला की स्थापना का प्रस्ताव मंजूर किया गया। कैसरबाग बस अड्डे को मॉडल बस स्टेशन के रूप में विकसित करने का फैसला भी राज्य कैबिनेट ने किया। प्रवक्ता ने बताया कि एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में राज्य कैबिनेट ने दलहन एवं तिलहन फसलों की उन्नतशील प्रजातियों के बीजों पर किसानों को अनुदान देना तय किया है। सूखे का सामना कर रहे बुंदेलखंड के सात जिलों में तिल के बीज पर अतिरिक्त अनुदान का फैसला किया गया है। मिर्जापुर, फतेहपुर और सोनभद्र में भी यह अतिरिक्त अनुदान दिया जाएगा।

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