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लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ अध्यक्ष की ‘देशद्रोह’ के आरोप में गिरफ्तारी को राजनीतिक षड्यंत्र करार देते हुए केन्द्र सरकार पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया। मायावती ने सोमवार को कहा कि केन्द्र की बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का घोर कट्टरवादी और अत्यंत आक्रामक एजेंडा लागू करके जेएनयू जैसे प्रतिष्ठित संस्थान को एक झटके में देशविरोधी और देशद्रोही करार दे दिया है। बीएसपी अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले में जेएनयू के छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया जबकि वीडियो फुटेज में उसे कहीं भी भारत विरोधी नारेबाजी करते हुए नहीं देखा गया है। उसकी गिरफ्तारी एक राजनीतिक षड्यंत्र लगती है।

उन्होंने सवाल किया कि एक तरफ तो केंद्र की बीजेपी सरकार संसद पर हमले के जुर्म में फांसी की सजा पाए अफजल गुरु को शहीद बताने और उसके समर्थन में कार्यक्रम आयोजित करने वालों को देशद्रोही बताकर गिरफ्तार कर रही है, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी जम्मू-कश्मीर में उसी पार्टी के साथ फिर से गठबंधन सरकार बनाने की कोशिशों में जी-जान से जुटी है, जिसने अफजल गुरु को शहीद बताया था और उसकी फांसी का विरोध किया था। क्या बीजेपी बताएगी कि यह उसकी कैसी देशभक्ति और कैसा पैमाना है।

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