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लखनऊ: पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली ने रविवार को लखनऊ महोत्सव में अपनी आवाज का जादू बिखेरा और शहरवासियों का दिल जीत लिया। गुलाम अली का कार्यक्रम शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। शिवसेना की धमकी के मद्देनजर महोत्सव में चप्पे-चप्पे पर भारी पुलिस बंदोबस्त किया गया था। शिवसेना की धमकी की वजह से गुलाम अली का भारत में पूर्व का कार्यक्रम रद्द हो गया था। लखनउ पुलिस ने भारी सुरक्षा इंतजामात किये थे ताकि शिवसैनिकों की ओर से कार्यक्रम के दौरान कोई गडबडी नहीं होने पाये। इससे पहले पाकिस्तानी गायक ने दादा मियां की दरगाह पर चादर चढायी और भारत-पाक शांति की दुआ की। मुंबई में शिवसेना के दबाव में कार्यक्रम रद्द किये जाने के बारे में गुलाम अली ने कहा, ‘मैं नाराज नहीं हूं। मैं इन लोगों को प्यार करता हूं और मुझे पता है कि प्यार धारणाएं बदल सकता है।’

दर्शकों की मांग पर गुलाम अली ने कई मशहूर गजलें पेश कीं। तालियों की जबर्दस्त गड़गड़ाहट के बीच उन्होंने लखनउवासियों को शुक्रिया कहा। महोत्सव में राज्यपाल रामनाईक ने गुलाम अली को सम्मानित करते हुए कहा कि संगीत किसी एक देश का नहीं होता पुरी दुनिया का होता है। संगीत की एक ही भाषा होती है। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश में विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय और मुख्य सचिव आलोक रंजन के अलावा प्रशासन और पुलिस के तमाम वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। गुलाम अली को सुनने के लिए हजारों की संख्या में लखनऊ की जनता मौजूद थी।

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