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नई दिल्ली: नोएडा प्राधिकरण के निलंबित चीफ इंजीनियर यादव सिंह को 2008 से 2014 के बीच उनके कार्यकाल में 100 करोड़ रुपये बेनामी कमीशन के तौर पर मिले थे। सीबीआई की शुरुआती जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने यादव सिंह को बुधवार को गिरफ्तार किया था। इससे पहले मामले में प्रोजेक्ट इंजीनियर रामेंद्र को गिरफ्तार किया गया था जो सिंह को रिपोर्ट किया करता था। सूत्रों ने बताया कि शुरुआती जांच दर्शाती है कि 2,500 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं को सिंह ने अपने कार्यकाल में मंजूरी दी थी। इनमें उसने करीब पांच प्रतिशत कमीशन लिया। सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में कहा है कि नवंबर 2014 के अंत में सिंह ने आठ दिन के भीतर 959 करोड़ रुपये की कीमत के 1,280 अनुबंध मुचलकों पर कथित रूप से हस्ताक्षर किए थे । सूत्रों ने यह भी बताया कि ये सिंह के साथ काम कर रहे कुछ अधिकारियों सहित नोएडा स्टाफ के बयानों पर आधारित अस्थायी आंकड़े हैं।

सूत्रों ने कहा कि कथित रिश्वत का वास्तविक आंकड़ा और बढ़ सकता है । सूत्रों ने दावा किया कि अफसरों ने आयकर विभाग और सीबीआई को बताया कि सिंह ने कमीशन व्यक्तिगत रूप से लिया था जो अन्य रिश्वत राशि से ऊपर था। सीबीआई हिरासत में सिंह से इस ब्योरे के संबंध में सवाल पूछे जाएंगे।

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