मुंबई: समाजवादी पार्टी से निष्कासित किये जाने के एक दिन बाद रामगोपाल यादव ने सोमवार को अखिलेश यादव के साथ मिलकर नई पार्टी के गठन से जुड़ी अटकलों को खारिज कर दिया। उन्होंने हालांकि अगले चुनाव के बाद अपने भतीजे को एक बार फिर मुख्यमंत्री बनाने की दिशा में काम करने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा, ''दूसरी पार्टी बनाने का सवाल ही पैदा नहीं होता. मैं दूसरी पार्टी क्यों बनाऊंगा? जिनके पास कुछ भी नहीं है, उन्हें दूसरे दल के गठन को लेकर सोचना चाहिए। अखिलेश के पास सब कुछ है. लोग उनके साथ हैं।' अखिलेश के प्रति एक बार फिर अपने समर्थन का इजहार करते हुए रामगोपाल ने सपा नेताओं शिवपाल यादव और अमर सिंह को उनके खिलाफ किसी जनसभा में आरोप लगाने और वहां से सकुशल लौटने की चुनौती दी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की तारीफ करते हुए रामगोपाल ने कहा कि किसी भी अन्य पार्टी में मुख्यमंत्री के खिलाफ व्यक्तिगत लड़ाई नहीं छेड़ी जाती है। यह निराशाजनक है कि अखिलेश पार्टी के ही लोगों के निशाने पर हैं। अगले चुनाव में मुख्यमंत्री के रूप में अखिलेश की वापसी सुनिश्चित करने को अपना मौजूदा लक्ष्य बताते हुए उन्होंने कहा कि इसको प्राप्त करने के लिए वह कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। गौरतलब है कि सपा को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से भाजपा के साथ कथित तौर पर साठगांठ करने के आरोप में उन्हें रविवार को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।
रविवार को एक बयान में रामगोपाल ने कहा था कि वह इस 'धर्मयुद्ध' में हमेशा अपने भतीजे अखिलेश के साथ रहेंगे। हालांकि उन्होंने पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव को अपना राजनीतिक गुरू बताया था।