वॉशिंगटन: पेरिस और सान बर्नार्डिनो में हुए हमलों के बाद व्हाइट हाउस ने हिंसक चरमपंथ से निपटने के लिए नए कदमों की घोषणा की है, जिनमें इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी समूहों द्वारा की जाने वाली नियुक्तियों को रोकने के लिए एक कार्यबल का गठन भी शामिल है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, ‘पेरिस में और फिर इन सर्दियों में सान बर्नार्डिनो में हुए भयावह हमलों ने अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय एवं निजी क्षेत्र में हमारे सहयोगियों के लिए इस महत्वपूर्ण जरूरत को रेखांकित किया है कि वे आईएस जैसे हिंसक चरमपंथियों को भर्तियों के लिए आधार मिलने से रोकें।’
प्राइस ने कल एक बयान में कहा कि अमेरिका ने हिंसक चरमपंथियों को देश में और विदेश में दूसरों को चरमपंथ की चपेट में लेने और नए लड़ाकुओं को एकजुट करने से रोकने के लिए अपने प्रयासों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया है। गृह सुरक्षा और न्याय मंत्रालय ने अंतर-एजेंसी हिंसक चरमपंथ से निपटने के लिए कार्यबल की स्थापना की घोषणा की। यह कार्यबल सुरक्षा मंत्रालय में आधारित होगा और हिंसक चरमपंथ से निपटने के घरेलू प्रयासों पर काम करेगा। विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह एक वैश्विक जुड़ाव केंद्र (जीईसी) की स्थापना करेगा, जो कि आईएस और अल कायदा जैसे आतंकी समूहों द्वारा ऑनलाइन चलाए जाने वाले दुष्प्रचार पर काबू पाने के लिए विदेशी दर्शकों के लिए आतंकवाद रोधी संदेश बनाएगा। विदेश मंत्री जॉन केरी ने कहा, ‘दाएश के खिलाफ लड़ाई और हिंसक चरमपंथ से निपटने के वैश्विक प्रयास के इस अहम चरण में जीईसी विदेशी दर्शकों तक एक ही समय में संदेश पहुंचाने के प्रयास का नेतृत्व करेगा। ये संदेश हिंसक चरमपंथ समूहों के विनाशक संदेशों से निपटने के लिए होंगे।’