तेल अवीव: इजराइल-हमास के बीच गाजा में युद्ध विराम समझौता लागू होने की समयसीमा बीत चुकी है। मगर अब तक समझौता शुरू नहीं हुआ है। हमास की ओर से रिहा होने वाले बंधकों की सूची न मिलने के चलते इस्राइल ने समझौता शुरू करने से इंकार कर दिया। वहीं इजराइल की ओर से गाजा पट्टी में हमले जारी रहे। यहां इजराइल ने हवाई हमले किए।
हमास के कारण युद्धविराम की शुरुआत में हुई देरी: इजराइल
दरअसल, इजराइल-हमास के बीच छह हफ्ते तक चलने वाला पहले चरण का संघर्ष विराम रविवार सुबह 8.30 बजे से लागू होना था। इसके तहत हमास को पहले चरण में 33 बंधकों को रिहा करना था। इसके बदले में इजराइल 700 फलस्तीनी कैदियों को मुक्त करेगा।
मगर इजराइल के सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि सेना अभी भी गाजा क्षेत्र के अंदर हमला कर रही और जब तक हमास समझौते का पालन नहीं करता, तब तक हमला जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि हमास के कारण युद्धविराम की शुरुआत में देरी हुई है।
युद्धविराम समझौते के लिए प्रतिबद्ध है हमास
उन्होंने इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के बयान को दोहराते हुए सेना के मुख्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने कहा कि जब तक हमास रविवार को रिहा होने वाले बंधकों के नाम नहीं सौंप देता, तब तक संघर्ष विराम शुरू नहीं होगा। हालांकि हमास ने नाम सौंपने में देरी के लिए तकनीकी कारण बताए। हमास ने कहा कि वह युद्ध विराम समझौते के लिए प्रतिबद्ध है।
इजराइली बंधकों और फलस्तीनी बंदियों की होगी रिहाई
समझौते के तहत हमास और उससे जुड़े संगठन सात अक्तूबर 2023 को इजराइल पर हमलों के बंधक बनाए गए लोगों को रिहा करेंगे। इसके बाद इजराइल सैकड़ों फलस्तीनी बंदियों को रिहा करेगा। इस समझौते के तहत फलस्तीनी नागरिकों को गाजा के उत्तरी हिस्से में लौटने की अनुमति मिलेगी और गाजा में मानवीय मदद पहुंचाई जाएगी, जहां के निवासी लंबे समय से भुखमरी जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं।
अक्तूबर 2023 में हमास के हमलों के बाद शुरू हुआ युद्ध
हमास ने सात अक्टूबर, 2023 को इजराइल पर हमला कर दिया था, जिसमें 1,200 लोग मारे गए थे और 250 अन्य को बंधक बना लिया गया था। इसके बाद इजराइल ने जवाबी हमले किये, जिसमें फलस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार 46,000 से अधिक फलस्तीनी मारे गए थे। इसके अलावा गाजा की अनुमानित 90 प्रतिशत आबादी विस्थापित हो गई और मानवीय संकट पैदा हो गया। नवंबर 2023 में हुए एक सप्ताह के संघर्ष विराम के दौरान गाजा से 100 से अधिक बंधकों को रिहा किया गया था।