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2027 में कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ेंगे यूपी विधानसभा चुनाव: अखिलेश

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महिला और उसकी नाबालिग बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले के आरोपी उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को अंतरिम जमानत देने से इंकार कर दिया। इलाज कराने के लिए प्रजापति ने अंतरिम जमानत की गुहार लगाई थी। जस्टिस नवीन सिन्हा और जस्टिस आर सुभाष रेड्डी की पीठ के समक्ष प्रजापति की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मनन मिश्रा ने कहा कि इलाज के लिए उनके मुवक्किल को तीन महीने के लिए जमानत दी जाए। वहीं एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने प्रजापति की याचिका का विरोध किया। 

दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद पीठ ने प्रजापति को किसी तरह से राहत देने से इंकार कर दिया। पीठ ने प्रजापति के वकील से कहा कि वह इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख कर सकते हैं। वकील दुर्गादत्त की माध्यम से दायर इस याचिका में कहा गया था कि प्रजापति कई बीमारियों से ग्रसित है और  उचित इलाज की दरकार है। प्रजापति का कहना था कि लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में उसकी परेशानी का सही इलाज उपलब्ध नहीं है। लिहाजा उसे दिल्ली के एम्स या भैलौर में इलाजे कराने के लिए तीन महीने के लिए अंतरिम जमानत दी जाए। 

लखनऊ: कोरोना से इतर किसी अन्य कारण से अनाथ हुए बच्चों को भी योगी सरकार ‘उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य)’ के तहत आर्थिक मदद देगी। इसके तहत प्रति बच्चे को 2500 रुपये प्रति माह मिलेंगे। हालांकि एक परिवार के पात्र अधिकतम दो बच्चों को ही लाभ मिलेगा। माता, पिता या फिर दोनों को खोने वाले बच्चों को इस योजना में शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस योजना को मंजूरी दी गई। इससे पहले सरकार ‘उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ शुरू कर चुकी है। इसमें इसमें 18 वर्ष तक के सिर्फ उन बच्चों को ही 4000 रुपये प्रतिमाह देने की व्यवस्था है, जिनके अभिभावक की मौत कोरोना के करण हुई। वहीं, प्रदेश में बहुत से ऐसे बच्चे भी हैं जिनके अभिभावक की किसी अन्य करण से मौत हुई है।

उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के तहत अनाथ हुए 18 वर्ष तक से बच्चों को आर्थिक मदद मिलेगी। साथ ही 18 से 23 वर्ष तक के उन अनाथ बच्चों को भी योजना का लाभ मिलेगा जो महाविद्यालय, विश्वविद्यालय या तकनीकी संस्थाओं से स्नातक कर रहे हों। नीट, क्लैट व जेईई जैसी राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा पास करने वाले भी योजना का लाभ पा सकेंगे ।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): चारा घोटाला मामले में जमानत पर बाहर आए राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू यादव धीरे-धीरे सियासत में सक्रिय हो रहे हैं। नई दिल्ली में अपनी बेटी मीसा भारती के आवास पर करीब दो महीनों से स्वास्थ्य लाभ कर रहे लालू प्रसाद यादव हाल ही में लोगों से मिलने जुलने का सिलसिला भी शुरू कर चुके हैं। इस दौरान राजद प्रमुख कई नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं।

इसी कड़ी में सोमवार को उन्होंने समाजवादी पार्टी के संरक्षक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। दोनों नेताओं के बीच चाय पर करीब 40 मिनट तक बात हुई,  इस दौरान मुलायम सिंह के बेटे और सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी मौजूद रहे। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्विटर पर दोनों दिग्गजों की मुलाकात की तस्वीरें साझा की। इसमें दोनों नेता चाय पीते नजर आ रहे हैं।  बता दें कि मुलायम सिंह यादव ने सोमवार को संसद के सत्र में भी हिस्सा लिया। 

वाराणसी: कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच सावन मनाया जा रहा है। सावन महीने का आज दूसरा सोमवार है। देशभर के शिव मंदिरों में भक्त दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। इस दौरान, कई जगहों पर कोरोना नियमों के उल्लंघन की तस्वीरें भी सामने आ रही हैं। उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित विश्व प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ है। दर्शन और पूजा के लिए लाइन लगी है, लेकिन कई लोगों ने न तो मास्क पहन रखा है और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है।

मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक, सावन के दूसरे सोमवार के दिन बड़ी संख्या में लोग वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा करने के लिए पहुंचे। इस दौरान श्रद्धालुओं ने गंगा नदी में डुबकी भी लगाई। तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि घाटों पर भारी भीड़ मौजूद लेकिन, कई लोगों ने मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग सहित कई कोरोना संबंधी मानदंडों का उल्लंघन किया।

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर तमाम विशेषज्ञ लॉकडाउन में ढील के बाद जुटने वाली भीड़ को लेकर चिंता जाहिर कर चुके हैं।

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