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हाथरस: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार (5 जुलाई) को हाथरस हादसे के पीड़ितों से मुलाकात की है। उन्होंने कहा है कि मैं इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहता हूं। सिस्टम में खामियां देखने को मिली हैं। राहुल ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि पीड़ित परिवार बेहद ही गरीब हैं, इसलिए उन्हें ज्यादा मुआवजा मिलना चाहिए। पीड़ित परिवारों का कहना है कि घटनास्थल पर पुलिस की व्यवस्था पर्याप्त नहीं थी।

राहुल ने की यूपी सीएम से दिल खोलकर मुआवजा देने की अपील

दरअसल, राहुल गांधी शुक्रवार सुबह हाथरस हादसे के पीड़ितों से मिलने के लिए दिल्ली से रवाना हुए। सबसे पहले उन्होंने अलीगढ़ में पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात की और उनका दुख जाना। यहां पर लोगों ने बताया कि किस तरह से उनका सब कुछ अब लुट चुका है। सत्संग में अलीगढ़ के लोग भी शामिल हुए थे। यहां पीड़ितों से मुलाकात के बाद राहुल हाथरस पहुंचे और उन्होंने लोगों के बीच पहुंचकर उनका दुख जाना। हाथरस के फुलरई गांव में ही सत्संग हुआ था, जिसमें मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हुई है।

राहुल गांधी ने कहा, "दुख की बात है, बहुत परिवारों को नुकसान हुआ है। काफी लोगों की मृत्यु हुई है। मैं इसको राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहता हूं। मगर प्रशासन की कमी तो है और गलतियां तो हुई ही हैं। इसका पता लगाना चाहिए। शायद सबसे जरूरी बात ये है कि मुआवजा सही मिलना चाहिए, क्योंकि ये गरीब परिवार हैं और इनके लिए मुश्किल का समय है। इसलिए मुआवजा ज्यादा से ज्यादा मिलना चाहिए। मैं यूपी के सीएम से विनती करता हूं कि दिल खोलकर मुआवजा दिया जाए।"

यूपी सरकार ने एलान किया है कि मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये मुआवजे के तौर पर दिए जाएंगे। इसे लेकर हुए सवाल पर राहुल ने कहा, "इस समय परिवारों को ज्यादा मुआवजे की जरूरत है। अब आपने छह महीने बाद दिया या एक साल बाद दिया और देरी की तो उससे किसी को फायदा नहीं होगा। मुआवजा जल्दी से जल्दी दिया जाना चाहिए और जितना देना चाहिए, वो दिल खोलकर देना चाहिए।"

प्रशासन की कमी, पुलिस की व्यवस्था नहीं थी: राहुल गांधी

कांग्रेस नेता से सवाल किया गया कि बाबा (सूरज पाल) के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं हुई है, क्या कहेंगे? राहुल ने कहा, "परिवार वालों से मेरी पर्सनल बात हुई है। उनके बच्चों के बारे में, उनकी माता के बारे में कि वो कैसे थे और क्या करते थे। इस संबंध में बात हुई है। उन्होंने कहा कि प्रशासन की कमी है। उन्होंने कहा कि वहां पर पुलिस की जो व्यवस्था होनी चाहिए थी वो नहीं थी। बहुत दुख में हैं, शॉक में हैं। ऐसे हालातों में मैं उनका दुख-दर्द समझने की कोशिश कर रहा हूं।"

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