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लखनऊ: मथुरा में अतिक्रमणकारियों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद अखिलेश सरकार हरकत में आ गई है। सूत्रों के मुताबिक़, मथुरा में अतिक्रमण हटाने के दौरान हिंसा को लेकर कई वरिष्ठ अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़, मथुरा में खूनी संघर्ष के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कार्रवाई कर सकते हैं और मथुरा के डीएम और एसएसपी सस्‍पेंड हो सकते हैं। इनके अलावा आगरा जोन के आईजी, डीआईजी पर कार्रवाई हो सकती है। सूत्रों का कहना है कि आगरा रेंज के कमिश्‍नर और प्रदेश के इंटेलीजेंस चीफ के खिलाफ भी कार्रवाई संभव है। साथ ही, मथुरा के लोकल इंटेलीजेंस के कई अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मथुरा के जवाहरबाग में अवैध कब्जेदारों और पुलिस के बीच हुए खूनी संघर्ष के लिये प्रशासन और खुफिया तंत्र की ‘चूक’ स्वीकार करते हुए शुक्रवार को कहा था कि पुलिस को हमलावरों की तैयारियों के बारे में जानकारी नहीं थी। अखिलेश ने संवाददाताओं से बातचीत में मथुरा में हुई वारदात पर दुख जाहिर करते हुए कहा था कि यह चूक भी है। मैं समझता हूं कि पुलिस को पूरी तैयारी और बातचीत के साथ वहां जाना चाहिये था, लेकिन जानकारी में नहीं था कि उनके (कब्जेदारों) पास इतना कुछ होगा। उन्होंने कहा कि कथित सत्याग्रही लोग सरकार की जमीन पर बैठे थे। उनसे कई बार बातचीत भी हुयी थी लेकिन इसके बाद भी वे नहीं हटे। याद रहे कि मथुरा में उद्यान विभाग की संपत्ति जवाहर बाग पर वर्ष 2014 से अवैध रूप से काबिज कथित सत्याग्रहियों को अदालत के आदेश पर गुरुवार की शाम हटाने गये पुलिस और प्रशासनिक दल पर बमों और बंदूकों से हमला किया गया था।

इस वारदात में पुलिस अधीक्षक (नगर) मुकुल द्विवेदी और थानाध्यक्ष संतोष यादव की भी मौत हो गयी जबकि 22 उपद्रवी भी मारे गये। कानून-व्यवस्था को खुली चुनौती देती जवाहरबाग की घटना के बाद सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर है। उनका कहना है कि सरकार ने वर्ष 2014 में कथित सत्याग्रहियों को जवाहरबाग पर कब्जा ही क्यों करने दिया। कब्जे के बाद राजनीतिक संरक्षण मिलने से उनके हौसले बढ़ते गये, नतीजतन कब्जा हटाने गये पुलिसकर्मियों पर दुस्साहसिक हमला हो गया। गौर हो कि पुलिस और जवाहर बाग में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा जमाए बैठे लोगों के बीच गुरुवार को यहां हुए जबर्दस्त संघर्ष में एक पुलिस अधीक्षक और एक थाना प्रभारी सहित 24 लोग मारे गए। पुलिस ने भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया है और 320 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। क्षेत्र में तनाव बरकरार है। अखिलेश यादव ने मथुरा के मंडलायुक्त को घटना की जांच कराने के आदेश दिए हैं। गौरतलब है कि मथुरा के जवाहर बाग में करीब तीन हजार लोगों ने 260 एकड़ से अधिक के एक भूखंड पर पिछले दो साल से अवैध कब्जा कर रखा था। उन्होंने वहां शिविर स्थापित कर लिया था। दूसरी ओर, केंद्र ने मथुरा में अतिक्रमणकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प में पुलिस अधीक्षक और एक थानाप्रभारी सहित 24 लोगों के मारे जाने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार से इस बारे में एक रिपोर्ट मांगी है।

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