मथुरा (जनादेश ब्यूरो): जवाहरबाग में आग लपटें शांत होने के बाद आज (शुक्रवार) वहां लाशें खोजने का सिलसिला जारी है। एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और एसओ (फरह) संतोष यादव की शहदत से न सिर्फ पुलिस बल्कि आम लोगों की आंखें भी नम हैं। दोनों पुलिस अधिकारियों समेत करीब 27 लोगों के मरने की खबर है। कब्जाधारियों का नेता रामवृक्ष यादव भी गायब है। उसके मरने की भी आशंका व्यक्त की जा रही है। डीजीपी जावीद अहमद, प्रमुख सचिव गृह देवाशीष पांडा और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर दलजीत चौधरी ने मथुरा में डेरा डाल दिया है। इस प्रकरण में चूक कहां हुई, इस पर गुपचुप चर्चा चल रही है, मगर कोई अधिकारी खुलकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। जिला मुख्यालय से सटे जवाहरबाग पर कब्जाधारियों का कब्जा था। जमीन को खाली कराने के हाईकोर्ट के आदेश थे। पुलिस प्रशासन लंबे समय से प्लानिंग में जुटा हुआ था कि जमीन कैसे खाली कराई जानी है। चार जून को जवाहरबाग पर चढ़ाई की योजना थी। पुलिस अंदर कैसे प्रवेश करेगी। इस पर भी विचारा हुआ था। रिहर्सल को गुरुवार को एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी पुलिस और पीएसी के साथ जवाहरबाग गए थे। कई जगह से दीवार तोड़ने की योजना थी, ताकि जब चढ़ाई हो तो रास्ता खोजना न पड़े। उपद्रवी पहले से तैयारी में थे। पुलिस के पहुंचते ही फायरिंग शुरू कर दी। बम फोड़ने लगे। आग लगा दी। गैस सिलेंडर और बारूद में विस्फोट से जवाहरबाग आग का गोला बन गया।
पुलिस उल्टे पांव दौड़ ली। एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी घिर गए थे। एसओ फरह संतोष उन्हें बचाने पहुंचे। दोनों शहीद हो गए। इसके बाद पुलिस ने भी फायरिंग शुरू कर दी। शुक्रवार सुबह डीजीपी जावीद अहमद और प्रमुख सचिव गृह देवाशीष पांडा मथुरा पहुंच गए। दोनों अधिकारी सीधे जवाहरबाग पहुंचे। अंदर पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के अलावा किसी को प्रवेश नहीं दिया गया। सर्च ऑपरेशन में भारी मात्रा में कारतूस व दर्जनों हथियार बरामद किए गए। दो उपद्रवी पेड़ पर चढ़े हुए मिले। इस घटना में 27 से अधिक लोगों की जान गई है। कई लोग आग में जिंदा ही जल गए हैं उनके शव तक नहीं मिल रहे हैं। तीन सिपाही गायब हैं। इस खबर ने पुलिस के होश उड़ रखे थे। चारों तरफ उनकी तलाश चल रही थी। पुलिस की तीन पिस्टल भी मिसिंग थीं। उन्हें भी खोज जा रहा था। दिलदहला देने वाली घटना ने पूरे मथुरा को हिला दिया है। बड़ी संख्या में लोग जिला मुख्यालय के पास जमा थे। हर कोई यही जानने में जुटा था अब अंदर क्या स्थिति है। भीड़ के तेवर उपद्रवियों के तीखे थे। ज्यादातर लोगों का कहना था कि जो हुआ अच्छा नहीं हुआ। पुलिस को प्लानिंग के साथ चढ़ाई करनी चाहिए थी। बृज ने अपना चहेते अधिकारी मुकुल द्विवेदी को खो दिया। डीजीपी जावीद अहमद ने बताया कि पुलिस को तलाशी अभियान में पांच दर्जन तमंचे, कई राइफलें, सैकड़ों कारतूस और बारूद आदि सामान बरामद हुआ है। गैस सिलेंडर फटने से आग ने विकराल रूप धारण किया। बारूद में विस्फोट से धमाके और तेज हो गए थे। इसमें कब्जेधारियों की मौत जलने से हुई है। उनकी संख्या अभी साफ नहीं है। पोस्टमार्टम हाउस पर लगभग एक दर्जन लाशें पहुंच जाने की खबर है। अंदर किसी को प्रवेश की अनुमति नहीं थी। मरने वाले उपद्रिवयों के नाम तक पता नहीं चल पा रहे थे। जो लोग मारे गए हैं वे बुरी तरह जल गए थे। चेहरे तक पहचानने में नहीं आ रहे हैं।