वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी निशक्त जनों को एक गरिमामय जीवन उपलब्ध कराने की सुनिश्चितता को प्रमुख रूप से रेखांकित करने के साथ ही कल (शुक्रवार) यहां करीब आठ हजार लोगों को सहायता प्रदान करेंगे । मई 2014 में प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद से अपनी पांचवीं वाराणसी यात्रा पर आ रहे प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लाभार्थियों को स्वयं सहायता मुहैया कराए जाने की संभावना है ।इसके अलावा वह देशभर के विभिन्न हिस्सों से आए ऐसे बच्चों के साथ भी चर्चा करेंगे जिन्होंने केंद्र की निशक्त जनों को सहायता योजना (एडीआईपी) की मदद से सुनने और बोलने संबंधी अक्षमताओं पर काबू पाया है । इस मौके पर आठ हजार लाभार्थियों के बीच 25 हजार से अधिक सहायता उपकरण वितरित किए जाने की संभावना है जिनमें व्हीलचेयर्स, हाथ से चलायी जाने वाली तिपहिया साइकिलें, स्मार्ट क्रचिज और हियरिंग इम्प्लांट शामिल हैं।
बताया जाता है कि केंद्रीय सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय ने इस समारोह का संज्ञान लेने के लिए गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड को पत्र लिखा है जिसे अपने प्रकार का ऐसा सबसे बड़ा समारोह बताया जा रहा है । प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में अपने रेडियो संबोधन में निशक्तजनों के लिए ‘विकलांग’ शब्द के इस्तेमाल को छोड़कर उन्हें ‘दिव्यांग’ कहे जाने की अपील की थी ताकि सम्मान के साथ गरिमापूर्ण जीवन जीने के उनके अधिकारों के प्रति समाज को संवेदनशील बनाया जा सके । ऐसी भी रिपोर्टे हैं कि मोदी सरकार एक नया निशक्तजन अधिनियम पारित कर सकती है जिसमें निशक्त जनों के प्रति ‘रवैये में बदलाव ’ के तौर पर सभी राष्ट्रीय संस्थानों में ‘विकलांग’ शब्द के स्थान पर ‘‘बाधित’’ शब्द लाया जाएगा।