नई दिल्ली: सूखे की विकट स्थिति से जूझ रहे उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के किसानों को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) के तहत सूखा राहत के रूप में 1,303 करोड़ रूपए की राशि मिलेगी, जबकि मनरेगा के तहत दिहाड़ी मजदूरी को बढ़ाकर 150 यपए प्रति दिन कर दिया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा प्रदेश की स्थिति का जायजा लेने के बाद यह फैसला लिया गया। यह भी तय किया गया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन को तेज किया जाएगा और इसका विस्तार सभी ब्लॉकों में किया जाएगा ताकि आय का वैकल्पिक स्रोत सृजित हो सके। इसके अलावा बुंदेलखंड में विभिन्न परियोजनाओं और योजनाओं के तहत प्राथमिकता से पानी टंकियों के निर्माण, कुंआं खुदायी, खेतों में तालाबों का निर्माण आदि कराया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशों पर आयोजित इस समीक्षा बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने भी हिस्सा लिया। बैठक में तय किया गया कि प्राकृतिक आपदा के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले क्षेत्र के दीर्घावधिक और समेकित विकास के लिए केन्द्र और प्रदेश की सरकारें मिलकर काम करेंगी।
बुंदेलखंड पर हुई बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और उनकी टीम ने प्रेजेंटेशन दिया। केन्द्र सरकार के संबंधित विभागों के सचिव भी बैठक में मौजूद थे। राहत कदमों के तहत यह रेखांकित किया गया कि केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में उत्तर प्रदेश को सूखा राहत के लिए एनडीआरएफ से 1,304 करोड़ रूपए देने की बात तय हुई। यहां आज जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, एक सप्ताह के भीतर सहायता राशि किसाानों के बैंक खाते में सीधे भेजी जाएगी। यह तय हुआ कि उत्तर प्रदेश सरकार रबी 2016 पर एक ज्ञापन जल्दी ही भेजेगी। उसमें कहा गया, गृहमंत्रालय जांच करेगा कि क्या राज्य आपदा राहत कोष के तहत 25 प्रतिशत की सीमा पर छूट दी जा सकती है और क्या 90 दिनों के बाद भी खाद्य पदाथरें का बांटा जाना जारी रहेगा।