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मथुरा: मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने दो दिन पहले यमुना एक्सप्रेस वे पर हुई जिस दुर्घटना के बारे में ट्वीट किया था, अब उस मामले में ट्विस्ट आ गया है। हादसे में जिस बाइकचालक की मौत हुई उसके परिवारजनों ने मानव संसाधन विकास मंत्री पर मदद न करने का आरोप लगाया है, वहीं स्मृति ईरानी के मंत्रालय से सफाई आई है कि हादसे के बाद स्मृति ने खुद एसएसपी को फोन करके एंबुलेंस बुलाई थी। इस दुर्घटना में बाइक सवार डॉक्टर रमेश नागर की मौत हो गई और अब उनके परिवार ने एफआईआर दर्ज करवाई है जिसमें लिखा गया है कि एक्सप्रेसवे पर एचआरडी मंत्री के काफिले की गाड़ी से भिड़ने पर नागर की मौत हुई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ आगरा के रहने वाले नागर की बेटी संदिली ने आरोप लगाया है कि मेडिकल मदद न मिलने की वजह से उनके पिता की सड़क पर ही मौत हो गई। संदिली अपने पिता और परिवार के एक और सदस्य के साथ शादी में जा रही थी। संदिली ने यह भी कहा कि उन्होंने मदद के लिए मंत्री से गुहार लगाई थी लेकिन स्मृति ईरानी उन्हें अनदेखा कर दूसरी गाड़ी में बैठकर निकल गईं।

वहीं इस आरोप के बाद स्मृति ईरानी के मंत्रालय से सफाई आई की हादसे वाली गाड़ी उनके काफिले का हिस्सा नहीं थी। साथ ही यह भी कहा गया है कि चोट लगने के बावजूद ईरानी कार से उतरी और उन्होंने खुद एसएसपी को फोन करके एंबुलेंस भेजने को कहा। संदिली ने आरोप लगाया कि 'एचआरडी मंत्री की गाड़ी ने हमारी बाइक को टक्कर मारी जो बहुत ही धीमी गति से चल रही थी। हमारी बाइक गिर गई। मैंने मदद मांगी तो उन्होंने मना कर दिया। उन्होंने कहा कि आपको बाद में मदद मिल सकती है। अगर वह चाहती तो हमारी मदद कर सकती थीं। अगर वह हमारी मदद करती तो मेरे पिता हमारे साथ होते।' गौरतलब है कि ईरानी, 5 मार्च को भाजपा युवा शाखा के मथुरा में अधिवेशन से दिल्ली लौट रही थीं, जब यमुना एक्सप्रेस वे पर गाड़ियों की लंबी कतार लगी हुई थी और कई वाहन आपस में भिड़ गए थे। ईरानी ने ट्वीट करके बताया कि एक सड़क दुर्घटना की वजह से सड़क पर लंबा जाम था और गाड़ियां आपस में टकरा गई। ट्वीट में स्मृति ने अपने सुरक्षित होने की सूचना दी, साथ ही यह भी बताया था कि उन्होंने सुनिश्चित किया है की घायलों को अस्पताल पहुंचाया जाए। उन्होंने इस काम में मदद करने वाले दूसरों लोगों को धन्यवाद भी दिया।

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