लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान सभा में आज (रविवार) बसपा और भाजपा सदस्यों ने विधान परिषद चुनाव में सरकारी तंत्र के कथित दुरपयोग तथा सुलतानपुर में एक व्यक्ति की हत्या के मामलों को लेकर सदन से बहिर्गमन किया। बसपा सदस्यों ने शून्यकाल के दौरान कार्यस्थगन प्रस्ताव के जरिये सुलतानपुर के चांदा इलाके में गत तीन मार्च को उमाशंकर मौर्य नामक युवक की हत्या का मामला उठाते हुए इस पर बाकी काम रोककर चर्चा कराये जाने की मांग की। सदन में बसपा और विपक्ष के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि सुलतानपुर जिला प्रशासन की असंवेदनशीलता की वजह से मृत युवक का शव उसके घर में चार दिन तक पड़ा रहा। उन्होंने कहा कि जान का खतरा बताये जाने के बावजूद जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने पीड़ितों को शस्त्र लाइसेंस नहीं दिया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पीड़ित परिवार को पांच लाख रपये की मदद का आश्वासन दिया था लेकिन वह धनराशि परिवार को अब तक नहीं मिली है।
मौर्य ने कहा कि युवक की हत्या के बाद जिलाधिकारी ने मृत की मां को शस्त्र लाइसेंस देने का वादा किया था लेकिन बाद में वह मुकर गये। इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, नतीजतन लोगों में रोष है। इसके पूर्व, बसपा सदस्य सदन के बीचोबीच आ गये और नारेबाजी की। संसदीय कार्य मंत्री मुहम्मद आजम खां ने कहा कि हाई कोर्ट की तरफ से पाबंदी लगायी गयी है कि शस्त्र लाइसेंस केवल स्वर्ण पदक विजेताओं को ही जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले पर गौर करेगी और अगर कहीं कोई प्रावधान है तो उस पर विचार किया जाएगा। सरकार के इस जवाब से असंतुष्ट होकर बसपा सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गये।