लखनऊ:मुजफ्फरनगर दंगे की जांच करने वाले जस्टिस विष्णु सहाय आयोग ने दंगों के लिए मुख्य रूप से तत्कालीन एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे और तत्कालीन एलआईयू इंस्पेक्टर प्रबल प्रताप सिंह को दोषी माना है। आयोग ने दोनों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने की सिफारिश की है। जस्टिस सहाय की रिपोर्ट विधानसभा में आज (रविवार) पेश की गई। आयोग ने दंगे भड़कने के 14 कारण गिनाए हैं। बसपा व भाजपा नेताओं के बारे में कहा है कि चूंकि उनके खिलाफ दंगा भड़काने का मुकदमा दर्ज है, अत: आयोग उनके खिलाफ संविधान के अनुच्छेद 20(2) के तहत सरकार को कोई कार्रवाई करने के लिए विधिक रूप से नहीं कह सकता। राज्य सरकार ने 27 अगस्त 2013 से 15 सितंबर 2013 के बीच मुजफ्फरनगर में हुए सांप्रदायिक दंगों की जांच के लिए जस्टिस विष्णु सहाय की अध्यक्षता में आयोग गठित किया था। आयोग ने 700 पन्नों में अपनी रिपोर्ट में दंगे के कारणों का विस्तार से ब्योरा दिया है।
छह खण्डों की रिपोर्ट में आयोग ने पाया है कि मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर और बागपत और मेरठ में इस दौरान हुए दंगे का मुख्य कारण अभिसूचना तंत्र का फेल होना था। आयोग ने पाया कि 7 सितंबर 2013 को जब नगला मण्डौर में महापंचायत हुई तो उसकी रिकार्डिंग नहीं की गई। आयोग ने कहा कि तत्कालीन एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे ने दायित्वों को निभाने में शिथिलता और लापरवाही बरती। वह इन घटनाओं को प्रभावी रूप से रोकने में भी नाकाम रहे। इसी के साथ तत्कालीन एलआईयू इंस्पेक्टर प्रबल प्रताप सिंह ने भी महापंचायत में आने वाले लोगों की संख्या के बारे में ठीक से इनपुट नहीं दिया। उनके मुताबिक भीड़ 15-20 हजार के आसपास होने की बात कही गई लेकिन भीड़ 40-50 हजार की थी। खुफिया एजेंसियां हालात की गंभीरता को समझने में नाकाम रहीं। तत्कालीन डीएम कौशल राज और तत्कालीन एडीजी अभिसूचना का भी स्पष्टीकरण लेने के बाद ही कार्रवाई तय की जाएगी। आयोग ने कहा कि प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव, सीओ जगत राम जोशी, डीएम कौशल राज शर्मा, एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे ही दंगों के उत्तरदायी थे। आयोग ने कहा कि 30 अगस्त को डीएम कौशल राज शर्मा द्वारा कादिर राणा और अन्य व्यक्तियों से ज्ञापन लिए जाने के कारण हिन्दू आक्रोशित हो गए। ऐसा होना ही बाद में दंगे होने का कारण बना लेकिन आयोग ने माना है कि अगर कौशल राज शर्मा ज्ञापन न लेते तो क्या करते? उनके पास कोई और विकल्प भी नहीं था और उस दिन मुजफ्फरनगर में कुछ भी हो सकता था।