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लखनऊ: मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज ( शुक्रवार) यहां विधान सभा में बजट 2016-17 पर सम्पन्न सामान्य चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि समाजवादी सरकार अपने बजट के माध्यम से संतुलित विकास पर ज़ोर दे रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016-17 का बजट गांव, गरीब, किसान और नौजवान के लिए है। इससे तरक्की और खुशहाली का रास्ता खुलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने गांव, गरीब और किसान की प्रगति के साथ ही प्रदेश की समस्याओं के स्थायी समाधान करने के लिए बजट में पर्याप्त धनराशि की व्यवस्था की है। प्रदेश के सभी क्षेत्रों एवं वर्गो का विकास राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। यादव ने कहा कि राज्य सरकार कई विश्वस्तरीय अवस्थापना परियोजनाओं पर काम कर रही है। किन्तु बेहतर अवस्थापना सुविधाओं के माध्यम से ही नागरिकों को अच्छी सुविधाए प्रदान की जा सकती हैं । अच्छी सड़केँ तेज विकास का महत्वपूर्ण साधन होती हैं । इसलिए राज्य सरकार सडको के विकास पर गम्भीरता से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि एक तरफ लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना को तेजी से पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर जिला मुख्यालयों को 4-लेन की सड़को से जोड़ने का काम हो रहा है।

बहराइच, श्रावस्ती जो बहुत पिछड़े इलाके हैं, उनको 4-लेन से जोडा गया है। इसी प्रकार कालपी से लेकर जालौन तक की सड़क को भी 4-लेन से जोड दिया गया है। जालौन, उरई से लेकर औरैया तक का मार्ग 4-लेन बनने जा रहा है। सम्भल- मुरादाबाद मार्ग पहले ही शुरु हो चुका है। गोरखपुर से देवरिया और देवरिया से सलेमपुर तक की सडक भी 4-लेन होने जा रही है। कानपुर एवं वाराणसी जैसे शहरो में मेट्रो परियोजना पर तेज़ी से काम चल रहा है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इसी प्रकार प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र को जोड़ने के लिए प्रस्तावित बजट में समाजवादी पूर्वान्चल एक्सप्रेस-वे के लिए भी धनराशि का प्राविधान किया गया है। यादव ने यह भी कहा कि जेवर में एयरपोर्ट बनाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है। साथ ही, फिरोजाबाद में हिरन गांव का प्रस्ताव भेज दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी विचारधारा को व्यापक स्वरूप प्रदान करने के लिए गांवो का विकास जरूरी है, ताकि उन्हें भी शहरी क्षेत्रों की तरह आधुनिक सुविधाए मिल सकेँ। इसीलिए 300 करोड़ की लागत से ‘आई स्पर्श’ योजना शुरू की जा रही है। विद्युत वितरण कम्पनियों के वित्तीय पुनर्गठन की योजना ‘उदय’ को लागूकरने का फैसला लिया गया है। विद्युत व्यवस्था सुधारने के लिए राज्य सरकार ने काफी काम किया है। पहले जहां इस मद में बहुत कम धनराशि हुआ करती थी, वहीं अब लगभग 66 हजार करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया गया है। उदय योजना में शामिल होकर विद्युत व्यवस्था को और अधिक बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में कम से कम 16 घण्टे तथा नगरीय क्षेत्रों में 20 से 22 घण्टे विद्युत आपूर्ति की जा सके। इसके अलावा, पारेषण एवं वितरण व्यवस्था सुधारने के लिए बडे पैमाने पर विद्युत उप केन्द्रों का निर्माण कराया गया है। ललितपुर थर्म ल पावर प्लाण्ट सहित अन्य कई उत्पाद इकाईयों को चालू किया गया है। बिजली उत्पादन के प्रयासों की जानकारी देते हुए यादव ने कहा कि प्रदेश में आने वाले समय में ललितपुर पावर प्लाण्ट के 660 मेंगावाॅट की तीनों यूनिट जब चालू हो जाएगी, तो लगभग 2000 मेगावाॅट की विद्युत उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी। इसी प्रकार बारा में कम से कम 1320 मेगावाॅट अतिरिक्त बिजली मिलेगी। अनपरा ‘डी’ की एक यूनिट शुरु की गई थी, अब दूसरी यूनिट भी शुरु हो गई है। वहां से भी 1000 मेंगावाॅट बिजली मिलने जा रही है। हरदुआगंज पावर प्लाण्ट भी शुरु कर दिया गया है। कानपुर के पनकी और एटा 4 के जवाहरपुर बिजली परियोजनाओं का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। कई परियोजनाए अपने अन्तिम चरण में हैं। श्री यादव ने किसानों को दी जाने वाली सुविधाओं की चर्चा करते हुए कहा कि केंद सरकार की गलत नीतियों के कारण गन्ना किसानों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इस के बावजूद राज्य सरकार अपने स्तर से गन्ना किसानों को प्रति कुन्तल पर्याप्त धनराशि दिलाने के साथ ही, गन्ना किसानों के बकाया को भी दिलाने का काम किया है। गन्ना किसानों को 5 280 रुपए प्रति कुन्तल के भाव का भुगतान करने का कार्य किया गया है। अभी तक का सबसे ज्यादा भुगतान एक वर्ष के भीतर समाजवादी सरकार ने करके दिखाया है, जिसमें 77 हजार करोड़ रुपए गन्ना मूल्य भुगतान के रूप में किसानों को उपलब्ध कराए गए हैं । गन्ना किसानों का जितना भी बकाया है, वह पूरा का पूरा किसानों को भुगतान कराने का काम सरकार करेगी। पूर्व सरकार के समय से उपेक्षा की शिकार सहकारी चीनी मिलों को पुनः शुरु कराने के साथ ही, नई चीनी मिलों की स्थापना के लिए भी पहल की गई है। शाहजहापुर, मोहिउद्दीनपुर की चीनी मिलें चालू की गई हैं। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए पहली बार राज्य सरकार ने इस बजट में विशेष रूप से धनराशि की व्यवस्था की है। जनपद हमीरपुर में जैविक खेती को बढ़ावा देकर इसे जैविक जनपद के रूप में विकसित किया जाएगा। कृषक दुर्घटना बीमा योजना को और अधिक व्यापक बनाते हुए इसमें 240 करोड रुपए का प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने कहा कि किसान अगर अपनी जमीन पर कुछ बनाना चाहता है, कोल्ड स्टोर या उससे सम्बन्धित कारोबार, तो उसे लैण्ड यूज चेंज करने के लिए पर्मिशन नहीं मांगनी पडेगी।

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