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लखनऊ: नेताजी सुभाषचन्द्र बोस के परिजनों ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की और उनसे फैजाबाद के गुमनामी बाबा की सही पहचान सुनिश्चित करने के लिए समुचित जांच कराने की मांग की। गुमनामी बाबा के बारे में बहुत से लोगों का मानना है कि वे नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ही थे। सरकारी प्रवक्ता ने बताया है कि नेताजी के परिजनों ने मुख्यमंत्री से गुमनामी बाबा की सही पहचान सुनिश्चित करने के लिए जांच समिति गठित करने की मांग की, जो कि 1985 में हुई मृत्यु तक गुमनामी बाबा उर्फ भगवानजी के नाम से एक हिन्दू सन्यासी के रूप में फैजाबाद के रामभवन स्थित घर में रहे। प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने नेताजी के परिजनों को आश्वासन दिया है कि सरकार इस संबंध में विचार करके शीघ्र ही फैसला लेगी।

उन्होंने बताया कि नेताजी के परिजनों ने गुमनामी बाबा उर्फ भगवानजी से संबंधित वस्तुओं के प्रदर्शन के लिए संग्रहालय और गैलरी बनाने का निर्णय करने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने गैलरी को समयबद्ध तरीके से पूरा करने का आश्वासन देते हुए कहा कि उसके उद्घाटन के मौके पर नेताजी के परिजनों को भी आमंत्रित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वालों में उनकी पड नातिन जयंती रक्षित, उनके पति अमिय रक्षित, परनाती आर्य बोस, अधीर सोम, श्रीजीत पणिकर, विशाल शर्मा, अरविंद शर्मा, चन्द्रचूड घोष, सायन्तन दास गुप्ता, अनुज धर तथा सांसद किरणमय नन्दा शामिल थे।

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