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लखनऊ: विपक्ष के विरोध व वाकआउट के बीच अखिलेश सरकार ने विधानसभा में गुरुवार को 27758.97 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पास करा लिया है। यह पैसा मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए है। यह रकम ओलावृष्टि से तबाह हुए किसानों को राहत देने, बिजली कंपनियों को कर्ज के मकड़जाल से उबारने व सहकारी बैंकों की माली हालत सुधारने पर खर्च होगी। खासतौर पर बुंदेलखंड के किसानों को इससे बड़ी मदद मिलेगी। अखिलेश सरकार अपने कार्यकाल का पांचवां और अन्तिम पूर्ण बजट शुक्रवार को पेश करेगी। इससे पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बतौर वित्तमंत्री गुरुवार को विधानसभा के पटल पर अनुपूरक बजट रखा और इसे करीब 20 मिनट में ध्वनिमत से पास भी करा लिया गया। बसपा के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने अनुपूरक बजट लाए जाने के औचित्य और पिछले साल पास हुए बजट का पैसा खर्च न होने का सवाल उठाया।

अनुपूरक बजट में केंद्र सरकार की ‘उदय’ योजना के तहत बिजली कंपनियों को कर्ज से उबारने के लिए बांड जारी करेगी। इसके लिए 26606.50 करोड़ रुपए का इंतजाम किया गया है। सूखा राहत कार्य के लिए 904.52 क रोड़ रुपए खर्च होंगे। इससे बुंदेलखंड के किसानों भी खासी मदद मिलेगी। इसके अलावा 248.45 करोड़ रुपए की लागत से गैर लाइसेंस जिला सहकारी बैंकों को मदद की जाएगी। सरकार का कहना है कि बढ़े खर्च की प्रतिपूर्ति अनुत्पादक खर्च में कमी करके की जाएगी। यह पैसा इस साल 31 मार्च तक ही खर्च करना है। सीएम ने सदन में अनुपूरक बजट पेश करने के बाद कहा कि ‘बंदरबांट कौन करता है यह सबको पता है। अनुपूरक मांगें सूबे के गरीबों और किसानों के लिए हैं। विपक्ष केवल सरकार के विरोध के लिए विरोध कर रहा है। दोष मढ़ना बहुत आसान होता है। अगर कोई सुझाव हो तो विपक्ष दे हम आपके सुझावों का स्वागत करेंगे।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आरोप निराधार है कि पिछले साल मार्च में पास बजट का इस्तेमाल नहीं हुआ है। उन्होंने नेता विरोधी दल स्वामी प्रसाद मौर्या की ओर संकेत करते हुए कहा कि कम्प्यूटर से विपक्षी दल दुश्मनी रखते हैं। विपक्षी नेताओं ने बजट खर्च के ताजे आंकड़ों पर नजर नहीं डाली है। जो आंकडे़ दे रहे हैं वे पुराने हैं। विभागों ने खूब धन खर्च किया है। विपक्ष अपडेट तो जान ले। अनुपूरक बजट मांगों की जरूरत पर जोर दते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे सूखाग्रस्त बुन्देलखण्ड इलाके को पर्याप्त राहत मिल सकेगी। सबसे ज्यादा किसान कहां मर रहे हैं। पता कर लीजिए। मैं किसी राज्य का नाम नहीं लेना चाहता लेकिन हमारी सरकार ने किसानों की सबसे से ज्यादा और संजीदगी से मदद की है। जब मुख्य बजट में रखी गई रकम वास्तविक जरूरत के मुकाबले कम पड़ने लगती है, या बीच में कोई जरूरी नया खर्च निकल आता है तो उसकी प्रतिपूर्ति के लिए अनुपूरक बजट लाकर विधानमंडल की मंजूरी ली जाती है। मौजूदा वित्तीय वर्ष का यह दूसरा अनुपूरक बजट है। इससे पहले पिछले साल अगस्त में सरकार ने बढ़े खर्च को पूरा करने के लिए अनुपूरक बजट पास कराया था।

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