गाजियाबाद: नोएडा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के निलंबित मुख्य अभियंता यादव सिंह को सीबीआई कोर्ट ने छह दिन की पुलिस हिरासत पर भेज दिया है। आदेश के बाद सीबीआई की जांच टीम उन्हें लेकर दिल्ली चली गई। उनके अधिवक्ता अमित खेमका ने कहा कि अब तक 21 बार सीबीआई उनसे पूछताछ कर चुकी है। जो भी दस्तावेज मांगे गए उसे उपलब्ध करा दिया गया। ऐसे में उनकी गिरफ्तारी और हिरासत में भेजा जाना दोनों गलत है। यादव सिंह को गुरुवार शाम 3:15 बजे गाजियाबाद में सीबीआई के भ्रष्टाचार निरोधक अदालत की विशेष न्यायाधीश जी.श्री देवी की अदालत में पेश किया गया। सीबीआई के वरिष्ठ लोक अभियोजक वीके सिंह ने बताया कि 30 जुलाई 2015 को प्राधिकरण के मुख्य अभिंयता यादव सिंह के खिलाफ 954.38 करोड़ के घोटाले के आरोप में रिपोर्ट दर्ज हुई थी।
इस जांच के लिए यादव सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ और कागजात जुटाने के लिए 14 दिन के हिरासत की जरूरत है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने दलील दी कि यादव सिंह से कई बार पूछताछ की जा चुकी है। जांच में पहले ही उत्तर प्रदेश सीबीसीआईडी एफआर लगा चुकी है। ऐसे में रिमांड की जरूरत नहीं है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश ने छह दिन की रिमांड दे दी है। लगभग दो घंटे बंद कमरे में यादव सिंह मामले की सुनवाई चली। उन्हें 10 फरवरी को फिर शाम चार से पांच बजे के बीच सीबीआई न्यायालय में पेश किया जाएगा। बुधवार को उनकी गिरफ्तारी होने के बाद सीबीआई कोर्ट में उनकी पेशी को लेकर सुबह से ही मीडिया ने डेरा डाला हुआ था। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने गिरफ्तारी को नाजायज बताया यादव सिंह के अधिवक्ता अमित खेमका ने पत्रकारों से सीबीआई के प्रति भड़ास निकाली। उन्होंने बताया कि इस मामले में एक बार जांच हो गई। सीबीआई जांच में वह और उनका मुवक्किल पूरा सहयोग कर रहे हैं।