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नई दिल्ली: केरल के सरकारी अस्पताल मरीजों का उपचार करते हुए निपाह वायरस से संक्रमित होने के बाद अपनी जान गंवाने वाली नर्स लिनी पुतुसेरी के पति को उन पर गर्व है। मृतक नर्स के पति 36 साल के राजेश रविवार को बहरीन से वापस आए और दो महज दो मिनट के लिए अपनी पत्नी को आखिरी बार देख पाए। बता दें कि राजेश बहरीन में काम करते हैं और उनकी पत्नी नर्स लिनी पुथुस्सेरी का रविवार की रात में निधन हो गया।

मृतक नर्स के पति राजेश ने कहा कि 'रविवार की सुबह मैं उसे देखने के लिए अस्पताल गया। उसके चेहरे पर ऑक्सीजन मास्क लगे थे, इसलिए हम बात नहीं कर सके। मैंने सिर्फ दो मिनट के लिए उसे देखा. मैंने उसके सिर पर हाथ रखा. वह होश में थी। उन्होंने कहा कि नर्स की नौकरी काफी कठिन नौकरी है और मुझे अपनी पत्नी पर गर्व है। काम के प्रति अपनी पत्नी की निष्ठा के बारे में याद करते हुए उन्होंने कहा कि वह बिना थके काम करती थी। हालांकि, वह ड्यूटी निभाने के चक्कर में अपना ख्याल नहीं रख पाती थी।

राजेश ने कहा कि बुधवार को उसने मुझे फोन पर कहा कि उसे बुखार है। मैंने उसे छुट्टी लेने के लिए कहा. लेकिन उसने कहा, नहीं, बहुत सारे मरीज़ हैं और वह अस्पताल चली गई। बता दें कि मरने से पहले लिनी ने अपने पति के एक मैसेज लिखा था, जिसमें उन्होंने अपने दो बच्चों की देखरेख करने की बात कही थी। मृतक नर्स लिनी ने अपने पति के नाम जो नोट लिखे, वह सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ।

अपने पति को लिखे एक बेहद भावुक नोट में नर्स लिनी ने लिखा, "साजी चेट्टा, मैं बस जा ही रही हूं... मुझे नहीं लगता, मैं आपको देख पाऊंगी... माफ कीजिएगा... हमारे बच्चों का ध्यान रखिएगा... हमारा मासूम बच्चा, उसे खाड़ी देशों में ले जाइएगा... उन्हें उस तरह अकेला नहीं रहना चाहिए, जिस तरह हमारे पिता रहे... बहुत-सा प्यार...।"

बता दें कि परिवार की मदद के लिए हाथ बढ़ाते हुए फैसला किया है कि उनके पति को सरकारी नौकरी दी जाएगी तथा उनके दोनों बच्चों को दस-दस लाख रूपये की मदद दी जाएगी। लिनी के बच्चों के लिए जो राशि मंजूर की गई है उसमें से पांच-पांच लाख रूपये उनके बैंक खातों में जमा किए जाएंगे और बाकी के पांच-पांच लाख रुपये इस तरह से जमा किए जाएंगे कि अभिभावक उससे प्राप्त होने वाले ब्याज का इस्तेमाल बच्चों की जरूरत के लिए कर सकेंगे।

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