त्रिवेंद्रम: केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री अल्फोंस ने एक ऐसा बयान दे दिया है जिससे सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। पेट्रोल और डीज़ल की बढ़ती कीमतों को उन्होंने सही ठहराया है। त्रिवेंद्रम में पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कार और बाइक चलाने वाले ही पेट्रोल खरीदते हैं, पेट्रोल खरीदने वाले भूखे तो नहीं मर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग गाड़ी आफोर्ड कर सकते हैं उन्हें टैक्स देना ही होगा। पर्यटन मंत्री ने कहा कि हम यहां दलितों के कल्याण के लिए हैं।
हमारी सरकार हर गांव में बिजली सुनिश्चित कराएगी। हमारी सरकार लोगों के लिए घर बनाने आई है, टॉयलेट बनाने आई है। आगे उन्होंने कहा कि हम उन्हीं लोगों पर टैक्स लगा रहे हैं जो टैक्स देने में सक्ष्म हैं। हमने टैक्स लगाया है ताकि देश के गरीबों को बेहतर जीवन मिले। जो भी पैसा इकट्ठा हो रहा है, उसे हम चुरा नहीं रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने यह फ़ैसला सोच समझकर लिया है।
उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग टैक्स दे सकते हैं, उन्हें टैक्स देना चाहिए। हम आपको बता दें देशभर में पेट्रोल की कीमतें तीन साल के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई है। कहीं- कहीं तो ये 81 रुपये प्रति लीटर को भी पार कर गई है।
ध्यान देने वाली बात है कि पेट्रोल की कीमतों में तेज़ी का एक बड़ा कारण केंद्र सरकार का एक्साइज़ ड्यूटी बढ़ाना है। साथ ही राज्यों द्वारा पेट्रो पदार्थों पर ज़्यादा वैट वसूलने से भी कीमतें बेतहाशा बढ़ी हैं। पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों में कमी के समय केंद्र सरकार ने लागातार एक्साइज़ ड्यूटी बढ़ाई थी और इसमें अब तक कमी नहीं आई है।
पेट्रोल और डीजल की कीमतें साल 2014 के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें तीन साल पहले के मुकाबले आधी रह गई हैं, बावजूद इसके देश में पेट्रोल, डीजल की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है। मुंबई में तो पेट्रोल के दाम बुधवार को करीब 80 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया।
मोदी सरकार के आने के बाद से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 53 फीसदी तक कम हो गए हैं, लेकिन पेट्रोल डीजल के दाम घटने की बजाय बेतहाशा बढ़ गए हैं। मोटे अनुमान के अनुसार पेट्रोल पर ड्यूटी 10 रुपये लीटर से बढ़कर करीब 22 रुपये हो गई है।