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अहमदाबाद: विजय रूपानी ने आज (रविवार) गुजरात के 16वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली। रूपानी के साथ नितिन पटेल ने भी उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। आनंदीबेन पटेल की नज़दीकी माने जाने वाले ९ मंत्रियों की छुटी कर दी गई है।रुपानी कैबिनेट में सबसे ज्यादा तरजीह पटेलों को दी गई है। मंत्रियों के नामों पर फैसला आज सुबह 3 बजे तक किया गया। रुपानी कैबिनेट में कुल 25 मंत्री होंगे, जिनमें से 8 पटेल होंगे। मंत्रिमंडल में 8 पटेल नेताओं के अलावा, 14 जनरल कैटेगरी के विधायक होंगे, जबकि 7 ओबीसी, 3 एसटी और 1 अनुसूचित जाति के नेता होंगे। उन्होंने गांधीनगर में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। इसमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, वित्त मंत्री अरुण जेटली सहित भाजपा शासित कई प्रदेशों के मुख्यमंत्री समेत भाजपा के कई वरिष्ठ नेता मौजूद हैं। राज्यपाल ओपी कोहली ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। नितिन पटेल को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। गौरतलब है कि काफ़ी उठापटक के बाद शुक्रवार को विजय रुपानी के नाम पर मुहर लगी थी। रूपानी के नाम को लेकर अमित शाह और आनंदीबेन पटेल के बीच नोक-झोंक भी हुई थी। हालांकि भाजपा का यह फैसला बेहद चौंकाने वाला रहा क्‍योंकि नितिन पटेल का नाम सीएम पद के लिए चर्चा में रहा और ये लगभग तय माना जा रहा था कि वही नए मुख्‍यमंत्री होंगे। यहां तक कि नितिन पटेल ने कई चैनलों को इंटरव्‍यू तक दे दिए थे।

विजय रूपानी शुरू से ही भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह की पसंद थे। रूपानी गुजरात भाजपा के अध्‍यक्ष हैं और प्रदेश के परिवहन मंत्री हैं। आनंदीबेन पटेल ने कुछ दिन पहले ही फेसबुक पर एक पोस्ट डालकर इस्तीफा देने के अपने फैसले की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि वह इस पद से हट जाना उपयुक्त समझती हैं क्योंकि वह इस साल नवंबर में 75 की हो जाएंगी। ऐसा माना जाता है कि प्रधानमंत्री ने केंद्र और राज्यों के मंत्रिमंडल में मंत्रियों के लिए यह ऊपरी उम्र सीमा तय कर रखी है। नए मुख्यमंत्री के रूप में चुने गए रूपानी को भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दोनों का करीबी माना जाता है। जैन समाज से संबंधित होना भी एक हद तक उनके पक्ष में गया है। रूपानी राजकोट से हैं. उन्‍होंने युवावस्‍था में ही छात्र राजनीति में भाग लेना शुरू कर दिया था। इमरजेंसी के दौरान वे जेल में भी रहे। विजय रूपानी के अलावा नितिन पटेल का नाम भी मुख्‍यमंत्री पद की दौड़ में शामिल था लेकिन आखिरकार सियासी समीकरण रूपानी के पक्ष में बने और नितिन पटेल को उप मुख्‍यमंत्री पद से ही संतोष करना पड़ा।

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