पठानकोट: चाकू से हमले के बाद फेंक दिए गए गुरदासपुर के पुलिस अधीक्षक के आभूषण व्यवसायी मित्र राजेश वर्मा ने आज कहा कि जिन आतंकवादियों ने उनका अपहरण किया वे किसी कमांडर साहिब से लगातार संपर्क में थे और हर दस मिनट पर उन्हें फोन कर रहे थे। पुलिस अधीक्षक सलविंदर सिंह और एक रसोईए के साथ पिछले शुक्रवार को अपहत 40 वर्षीय वर्मा चार घंटे से ज्यादा समय तक हमलावरों के चंगुल में रहे। वर्मा ने कहा कि आतंकवादियों ने कमांडर साहिब से कहा कि इलाका शांतिपूर्ण लगता है और वे आसानी से अपने लक्ष्य तक पहुंच जाएंगे। अस्पताल में इलाज करा रहे राजेश ने भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों को यह कहते सुना, हमारा काम इंशा अल्लाह फतेह हो जाएगा। उन्होंने कहा कि चालक की सीट के पास बैठे व्यक्ति को मेजर साहिब कहा जा रहा था जो किसी कमांडर साहिब से बात कर रहा था। शेष कोई बातचीत नहीं कर रहे थे। वे उर्दू में बात करते थे और मैं इंशा अल्लाह के सिवाय कुछ नहीं समझ पा रहा था। अपने कटु अनुभव को बताते हुए राजेश ने कहा कि वे हर दस मिनट के अंतराल पर कमांडर साहिब से बात कर रहे थे। उन्होंने उनसे कई बार बात की। राजेश का गला काटने का प्रयास करने के बाद आतंकवादियों ने उसे फेंक दिया। वाहन में आतंकवादियों द्वारा बांध दिए गए राजेश ने कहा कि जब वे अपने लक्ष्य के नजदीक पहुंचे तो उन्होंने कहा कि कमांडर साहिब इलाका शांतिपूर्ण लगता है और मिशन को हासिल कर लिया जाएगा और वे अपने लक्ष्य तक पहुंच जाएंगे। यह पूछने पर कि क्या आतंकवादियों ने जीपीएस का इस्तेमाल किया तो उन्होंने कहा कि एक बार संभवत: वे रास्ते से भटक गए।
फिर उन्होंने एक्टिवेट (जीपीएस) किया, फिर उनमें से एक ने कहा कि यही रास्ता है क्योंकि हम नदी के नजदीक पहुंच गए हैं। यह पूछने पर कि कितने समय तक वह उनके कब्जे में रहे तो राजेश ने कहा कि मैं रात 12 बजे से सुबह चार बजे तक उनके कब्जे में रहा। मुझे उम्मीद नहीं थी कि मैं जिंदा बचूंगा। हो सकता है भगवान को कुछ और मंजूर हो।